संसद में विपक्षी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है मोदी सरकार: सर्वदलीय बैठक में उठे गंभीर सवाल
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं की चिंताएं
नई दिल्ली - संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले रविवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भारत-पाकिस्तान और चीन सीमा पर मौजूद चुनौतियों के साथ-साथ विदेश नीति पर चर्चा की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को संसद में आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
गोगोई ने आगे कहा कि सरकार को अपनी चूक पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि युद्ध के लिए हमारी सेनाओं को पूरा समर्थन दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को हालिया घटनाक्रम पर प्रकाश डालना चाहिए, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के संदर्भ में, जो भारत की गरिमा और सेना की शौर्य पर सवाल उठाते हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ संवाद करने में हिचकिचा रहा है। रक्षा और विदेश नीति पर चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है। गोगोई ने मणिपुर में शांति बहाल करने के प्रधानमंत्री के वादे का भी जिक्र किया, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को खुफिया विफलता का गंभीर मामला बताया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में उनकी भूमिका संदिग्ध है। यादव ने भारत की विदेश नीति को असफल करार दिया और कहा कि अब कोई भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं है, जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाने को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा ने ओडिशा में महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे हमलों की गंभीरता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार पूरी तरह से विफल है और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार में झुग्गी-झोपड़ी वालों को मकान देने के वादे के बावजूद बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को तुरंत रोकने की अपील की।