संसद में हंगामे के बीच महत्वपूर्ण खेल विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पाई
संसद का मानसून सत्र हंगामे में
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का तीसरा हफ्ता भी हंगामे से प्रभावित रहा। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष के सदस्यों ने फिर से हंगामा किया, जिससे संसद की कार्यवाही बाधित हुई। सोमवार को नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी-डोपिंग एमेंडमेंट बिल पर चर्चा होनी थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
रिजिजू ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी थी, लेकिन इसे भी नहीं होने दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, हमारे पास पर्याप्त संख्या होने के बावजूद, हम इस बिल को पारित नहीं कर सके। हम विपक्ष को यह संदेश देना चाहते हैं कि बिना चर्चा के हम खेल जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी मजबूरी में हंगामे के बीच किसी बिल को पारित करना पड़ता है। विपक्ष के नेताओं से अनुरोध किया गया कि वे दो सप्ताह पहले किए गए वादे पर कायम रहें, ताकि मंगलवार से विधेयकों को पारित करने की कोशिश की जा सके।
रिजिजू ने कहा कि हमें बिना चर्चा के विधेयकों को पारित करने के लिए मजबूर न करें। हम बिना चर्चा के विधेयकों को पारित करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन देशहित में विधेयकों का पारित होना आवश्यक है।
संसदीय मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। उन्होंने कांग्रेस और अन्य दलों के कई सांसदों से बात की है और सभी का मानना है कि संसद का चलना आवश्यक है। लेकिन उनके नेतृत्व के निर्णय के कारण ही सांसद सदन में हंगामा करते हैं। सदन का न चलना सबसे ज्यादा सांसदों को ही नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि जब संसद चलती है, तो सांसदों को सरकार से सवाल पूछने का अवसर मिलता है। यदि संसद नहीं चलेगी, तो सवाल नहीं पूछे जाएंगे और सरकार से जवाब भी नहीं मांगा जा सकेगा, जिससे लोकतंत्र को नुकसान होगा।
रिजिजू ने कहा कि कई सांसदों ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बताया है कि संसद का न चलना उन्हें सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि उनके क्षेत्र के लोग उनसे सवाल पूछते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता उन्हें संसद में काम करने और अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए भेजती है, न कि केवल हंगामा करने के लिए। हंगामा करने से चुनाव नहीं जीते जाते, बल्कि देश के लिए काम करने से ही जनता समर्थन देती है।
रिजिजू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मंगलवार को कांग्रेस और अन्य दल संसद की कार्यवाही में रुकावट नहीं डालेंगे। यदि वे फिर भी रुकावट डालते हैं, तो हंगामे के बीच भी हम महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करेंगे।
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे सुझाव दें, लेकिन गतिरोध और हंगामा करके संसद को न रोकें। सदन एक गंभीर मंच है। जनता ने आपको बोलने के लिए भेजा है, चिल्लाने और हंगामा करने के लिए नहीं।
लोकसभा में विपक्षी सांसदों के नारे लगाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज सदन की स्थिति देखकर उन्हें दुख हुआ। सभी दलों ने मिलकर राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक पर चर्चा करने और उसे पारित करने का निर्णय लिया था। विपक्ष के अनुरोध पर, हम इन विधेयकों पर चर्चा के लिए दो दिन देने के लिए सहमत हुए थे। अब जब हम खिलाड़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण विधेयक लाए हैं, तो विपक्ष व्यवधान पैदा कर रहा है।