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संसद में हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित की

नई दिल्ली में संसद के अंतिम दिन एसआईआर मुद्दे पर हंगामे के चलते लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विपक्ष ने चर्चा की मांग की, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा। स्पीकर ने विपक्ष के आचरण की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और क्या कहा गया।
 

संसद में गतिरोध और कार्यवाही का स्थगन

नई दिल्ली। संसद में एसआईआर के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा, जिसके कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी। गुरुवार को संसद के अंतिम दिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने विपक्ष को फटकार लगाते हुए कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

जब लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी सांसदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इस पर लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को चेतावनी दी और कहा कि उनका आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि कैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जा रहा है। स्पीकर ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान केवल 37 घंटे चर्चा हो सकी, जिसमें 12 विधेयक पारित हुए और 55 सवालों के मौखिक जवाब दिए गए। इसके बाद कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में उपस्थित थे।


विपक्ष का आचरण और उसकी आलोचना

विश्व की सबसे बड़ी पंचायत में विपक्ष का आचरण अशोभनीय

विपक्ष द्वारा गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक को फाड़ने पर भाजपा सांसद शशांक मणि ने कहा कि यह अत्यंत गलत आचरण है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आचरण विश्व की सबसे बड़ी पंचायत में शोभा नहीं देता। आज पूरी दुनिया की नजर हमारी संसद पर है। जनता देख रही है और अगले चुनाव में इसका जवाब देगी।

लोकतंत्र में गलत परंपरा की शुरुआत : चिराग पासवान

बिलों को लेकर लोकसभा में हुए हंगामे पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि यह निंदनीय है। लोकतंत्र में विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और उसका सकारात्मक होना आवश्यक है। लेकिन इस तरह का हंगामा करना और अस्वीकार्य आचरण प्रदर्शित करना गलत परंपरा की शुरुआत कर रहा है। गृह मंत्री की बातों से अगर आपको दिक्कत है, तो सदन के पटल का उपयोग करें। लेकिन आप सदन को चलने नहीं दे रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं। यह कांग्रेस और विपक्ष की पुरानी परंपरा है।

21 जुलाई से शुरू हुए इस सत्र में कई मुद्दों पर गरमागरम बहस और विपक्ष के विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें 'वोट चोरी' के आरोप, बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण में अनियमितताएं, ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले से निपटने के केंद्र के तरीके शामिल हैं।