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संसद में हंगामे पर संत सींचेवाल की चिंता, जनता के पैसे की बर्बादी

संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान हंगामे को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हर मिनट में ढाई लाख रुपये जनता के टैक्स से खर्च हो रहे हैं, जबकि संसद में कोई सार्थक कार्य नहीं हो रहा। सीचेवाल ने राज्यसभा के उपसभापति और केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि संसद में हंगामा करने से आम नागरिकों की आवाज दब रही है।
 

संसद की कार्यवाही में रुकावट


संसद की कार्यवाही में हर मिनट जनता के पैसे की बर्बादी


नई दिल्ली/चंडीगढ़: वर्तमान में दिल्ली में संसद का मानसून सत्र चल रहा है, लेकिन इस दौरान दोनों सदनों में कार्यवाही में लगातार बाधा आ रही है। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराव के कारण, अधिकांश समय कार्यवाही स्थगित हो रही है। इस पर पंजाब से राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जनता के टैक्स से करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि संसद में कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो रहा।


सीचेवाल का पत्र और खर्च का विवरण

संत सीचेवाल ने अपने तीन पन्नों के पत्र में यह बताया है कि संसद के चालू सत्र के दौरान हर मिनट में ढाई लाख रुपये खर्च होते हैं। एक दिन का औसत खर्च लगभग 10 करोड़ रुपये है, और पिछले 12 दिनों में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जबकि इस अवधि में संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई। उन्होंने कहा कि विपक्ष का मुख्य कार्य जनता के मुद्दों को उठाना है, लेकिन सदन में ऐसी स्थिति उत्पन्न की जाती है कि विपक्ष को हंगामा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।


जनता के मुद्दों की अनदेखी

संत सीचेवाल ने यह भी कहा कि सांसदों को शून्य काल, प्रश्न काल और विशेष उल्लेख के माध्यम से जनता के मुद्दों को उठाने का अवसर मिलता है। लेकिन जब संसद ही नहीं चलती, तो सांसदों के ये अधिकार छिन जाते हैं। उन्होंने कहा कि संसद में हंगामा करके किसी की जीत नहीं होती, बल्कि आम नागरिकों की हार होती है, जिन्होंने अपने प्रतिनिधियों को इस उम्मीद से चुना था कि उनकी आवाज संसद में सुनी जाएगी।