सदानंद दाते बने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक
नई दिल्ली में नियुक्ति की घोषणा
नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख सदानंद दाते को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब राज्य में कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी दाते को उनके साहस, अनुभव और आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति को प्रशासनिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नियुक्ति की अवधि
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सदानंद दाते को महाराष्ट्र का डीजीपी दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है। यह कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से स्वतंत्र होगा। दाते दिसंबर 2026 में 60 वर्ष के होंगे और वे 3 जनवरी को मौजूदा डीजीपी रश्मि शुक्ला का स्थान ग्रहण करेंगे।
केंद्र से राज्य में वापसी
मार्च 2024 तक महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहे दाते को बाद में नई दिल्ली में एनआईए का महानिदेशक बनाया गया था। हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर उन्हें केंद्र से राज्य कैडर में वापस भेजा गया। सरकार का मानना है कि राज्य पुलिस को उनके अनुभव और नेतृत्व की आवश्यकता है। उनकी प्रतिनियुक्ति दो हफ्ते पहले समाप्त की गई थी।
यूपीएससी की सिफारिश
पिछले सप्ताह संघ लोक सेवा आयोग ने डीजीपी पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों की सिफारिश की थी, जिनमें सदानंद दाते, संजय वर्मा और रितेश कुमार शामिल थे। राज्य सरकार ने दाते के नाम पर अंतिम मुहर लगाई। इस चयन को प्रशासनिक हलकों में सर्वसम्मत और मजबूत निर्णय माना जा रहा है।
26/11 हमलों में साहस
सदानंद दाते को 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान असाधारण साहस के लिए जाना जाता है। उस समय वे मध्य मुंबई क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त थे। उन्होंने कमा अस्पताल में आतंकियों अजमल कसाब और अबू इस्माइल का सामना किया और बंधक बनाए गए लिफ्ट ऑपरेटर चंद्रकांत टिक्के को बचाया।
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित
आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान दाते गंभीर रूप से घायल हुए थे और ग्रेनेड हमले के कारण कुछ समय के लिए बेहोश भी हो गए थे। इस कार्रवाई में उनकी टीम के दो जवान शहीद हुए। दाते को इस साहसिक अभियान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया गया। उनकी यह छवि आज भी महाराष्ट्र पुलिस के लिए प्रेरणा मानी जाती है।