सपा की नई रणनीति: निषाद समुदाय के लिए विशेष योजनाएं
2027 चुनाव की तैयारी में सपा
जैसे-जैसे 2027 का चुनाव नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) इस बार जातीय समीकरणों को नए तरीके से साधने में जुटी है। खासकर उन जातियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो पहले एनडीए की सहयोगी मानी जाती थीं।सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में निषाद समुदाय के साथ एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संवाद किया है। उन्होंने वादा किया है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो निषादों और नाविक समुदाय के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रयागराज से आए नाविक मजदूर कल्याण समिति के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा कि सपा अपने घोषणा पत्र में नाविकों के लिए नई नावों की उपलब्धता का वादा करेगी। इसके अलावा, गोमती नदी के किनारे निषादराज गुहा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसमें सोने की पतवार लगाई जाएगी। यह कदम समुदाय को सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का प्रयास है।
उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार बनने पर जातीय जनगणना कराई जाएगी, जिससे सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में अधिकार और सम्मान मिल सके।
नाविकों ने अखिलेश यादव से यह भी अनुरोध किया कि सरकार नदियों की नीलामी पर रोक लगाए, क्योंकि यह उनके पारंपरिक पेशे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। उनका आरोप है कि मछली पकड़ने का कार्य बाहरी दबंगों को सौंपा जा रहा है, जिससे स्थानीय नाविकों की आजीविका संकट में है।
इस पर सपा प्रमुख ने आश्वासन दिया कि वे नाविकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब बदलाव का समय आ गया है। उन्होंने दावा किया कि 2027 में सपा की वापसी सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकतांत्रिक और अहिंसक तरीके से सत्ता से हटाने का समय आ गया है। “जब तक भाजपा हटेगी नहीं, तब तक न संविधान बचेगा, न आरक्षण,” उन्होंने स्पष्ट किया।