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सपा विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति की सराहना की

यूपी विधानसभा में 'विज़न डॉक्यूमेंट 2047' पर चर्चा के दौरान सपा विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत अतीक अहमद जैसे अपराधियों को दंड देकर कई पीड़ित परिवारों को न्याय मिला है। पूजा पाल ने अपने पति की हत्या के संदर्भ में भी बात की और सीएम योगी का आभार व्यक्त किया। यह चर्चा न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी केंद्रित रही।
 

यूपी विधानसभा में 'विज़न डॉक्यूमेंट 2047' पर चर्चा

यूपी विधानसभा में 'विज़न डॉक्यूमेंट 2047': यूपी विधानसभा में 'विज़न डॉक्यूमेंट 2047' पर 24 घंटे की चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने प्रयागराज में अतीक अहमद जैसे अपराधियों को दंड देकर कई पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का कार्य किया है, जिसके लिए वह उनका आभार व्यक्त करती हैं।


पूजा पाल के पति, राजू पाल, प्रयागराज पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे, जिनकी हत्या 2005 में हुई थी। इस मामले में अतीक अहमद के परिवार पर आरोप लगा था। अप्रैल 2023 में अतीक अहमद की हत्या उस समय की गई जब उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया जा रहा था। अब पूजा पाल ने विधानसभा में सीएम योगी का धन्यवाद किया है कि उन्होंने माफियाओं को समाप्त करने का कार्य किया है।


पूजा पाल ने सदन में कहा, "मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मेरे छुपे हुए आंसुओं को देखा। उन्होंने मेरे दुख को समझा और मुझे न्याय दिलाने का कार्य किया।" उन्होंने आगे कहा, "प्रयागराज में मेरे जैसे कई पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का कार्य किया है।"


विज़न डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, "प्रयागराज की जनता मुझे सुनेगी और वे भी मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करेंगी।" उन्होंने कहा, "मेरे जैसी कई महिलाओं का जीवन प्रभावित हुआ है। मैं ऐसे मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर अपराधियों को समाप्त किया।"


राजू पाल की हत्या के पीछे की कहानी


राजू पाल ने 2002 में पहली बार प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट से अतीक अहमद के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2004 में अतीक लोकसभा के फूलपुर सीट से सांसद बने और विधानसभा सीट अपने भाई खालिद अजीम के लिए छोड़ दी। उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई को 4,818 वोटों के मामूली अंतर से हराया। यह हार अतीक परिवार के लिए एक बड़ा झटका था। इसके बाद राजू पाल की हत्या अतीक के गुर्गों ने की।


राजू पाल की हत्या उनकी शादी के कुछ ही दिनों बाद हुई थी, जिसका कारण चुनावी प्रतिद्वंद्विता थी। फरवरी 2023 में राजू की हत्या के एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की भी हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद मुख्य आरोपी थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 15 अप्रैल, 2023 को अतीक की हत्या उस समय हुई जब उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था।