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सर्जियो गोर बने भारत में नए अमेरिकी राजदूत, टैरिफ वॉर के बीच बदलाव

अमेरिका ने सर्जियो गोर को भारत में अपने नए राजदूत के रूप में नियुक्त किया है। यह बदलाव टैरिफ वॉर के बीच हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है। गोर का राजनीतिक करियर और ट्रंप के साथ संबंध भी महत्वपूर्ण हैं। जानें उनके बारे में और इस नियुक्ति के संभावित प्रभावों के बारे में।
 

नए अमेरिकी राजदूत का नियुक्ति

नए अमेरिकी राजदूत: भारत में अमेरिका ने अपने राजदूत को बदल दिया है, और सर्जियो गोर को इस पद पर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इस बात की घोषणा की। गोर को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।


ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत में हमारे अगले राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहा हूँ। राष्ट्रपति कार्मिक निदेशक के रूप में, सर्जियो और उनकी टीम ने रिकॉर्ड समय में लगभग 4,000 अमेरिका प्रथम देशभक्तों को नियुक्त किया है।"


उन्होंने आगे कहा, "सर्जियो एक अच्छे मित्र हैं, जिन्होंने मेरे राष्ट्रपति अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी नियुक्ति से हमें अपने एजेंडे को पूरा करने में मदद मिलेगी।"


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सर्जियो गोर की नियुक्ति से भारत और अमेरिका के बीच तनाव कम होने की संभावना जताई जा रही है, खासकर जब अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया था।


सर्जियो गोर का परिचय

सर्जियो गोर कौन हैं?

सर्जियो गोर का जन्म ताशकंद में हुआ था, जो उस समय सोवियत संघ का हिस्सा था। 1999 में, वह अपने परिवार के साथ अमेरिका चले आए। उन्होंने जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और कंजर्वेटिव राजनीति में सक्रिय हो गए। गोर ने कॉलेज रिपब्लिकन्स के साथ काम किया और बाद में केंटुकी से सीनेटर रैंड पॉल के साथ जुड़े।


डोनाल्ड ट्रंप के साथ गोर का संबंध 2020 से राजनीतिक गतिविधियों में रहा है, जहां उन्होंने चुनावी फंड जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान में, वह व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ऑफिस का नेतृत्व कर रहे हैं।