सहायक अभियंता समीर पांड्या की संपत्ति पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार की जांच की मांग
समीर किशोर कुमार पांड्या की संदिग्ध संपत्ति
नई दिल्ली। डीएनएच और डीडी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में सहायक अभियंता समीर किशोर कुमार पांड्या के संदिग्ध भूमि सौदों और आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई गंभीर आरोप सामने आए हैं। यह मामला सरकारी पदों का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जो कि एक व्यापक व्यवस्था की समस्या को उजागर करता है।
समीर पांड्या का करियर
समीर किशोर कुमार पांड्या ने 13 नवंबर 1997 को दमन और दीव विद्युत विभाग में कनिष्ठ अभियंता के रूप में कार्यभार संभाला। उनका करियर सामान्य रूप से वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति के साथ आगे बढ़ा, लेकिन उनकी संपत्ति की जांच करने पर एक बड़ा असमानता सामने आती है।
परिवार की भूमिका
पंड्या के परिवार में उनकी पत्नी सुमिता और दो बच्चे शामिल हैं। सुमिता पंड्या की संपत्ति और व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका है, और उनके नाम पर कई कंपनियों और भूमि के स्वामित्व के दस्तावेज हैं।
संपत्ति का मूल्यांकन
2015 से 2020 के बीच, पंड्या परिवार ने 22 भूखंडों का अधिग्रहण किया है, जिनका कुल क्षेत्रफल 7,793.64 वर्ग मीटर है। वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार, उनकी संपत्ति 35 करोड़ से अधिक की है, जो एक सहायक अभियंता की आमदनी से कहीं अधिक है।
भ्रष्टाचार की जांच की आवश्यकता
जांच एजेंसियों की कार्रवाई से यह स्पष्ट होगा कि एक कनिष्ठ अभियंता अपने वेतन से करोड़ों की संपत्ति कैसे जुटा सकता है। यह मामला न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सरकारी अधिकारी अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत का संकल्प
समीर पांड्या का मामला भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की एक अग्निपरीक्षा है। यदि ऐसे अधिकारी बिना किसी रोक-टोक के संपत्ति जमा कर सकते हैं, तो यह आम नागरिकों के लिए एक बड़ा सवाल है। इसलिए, सीबीआई और अन्य एजेंसियों को इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।