सिंध और पंजाब के बीच जल विवाद: क्या है असली कारण?
सिंध बनाम पंजाब जल विवाद:
Sindh vs Punjab Water Dispute: पाकिस्तान में राजनीतिक हलचलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले कश्मीर में जनता की बगावत ने सरकार की नींव हिला दी, और अब सिंध और पंजाब के बीच टकराव सामने आया है। यह विवाद केवल प्रशासनिक नहीं है, बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर गहरे मतभेदों का संकेत भी है। आश्चर्य की बात यह है कि दोनों प्रांतों में सत्ताधारी दल, PPP और PML-N, शहबाज शरीफ की केंद्र सरकार का हिस्सा हैं।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ राहत राशि और चोलिस्तान नहर परियोजना जैसे मुद्दों पर PPP और PML-N के बीच तनाव बढ़ रहा है। सिंध में सत्तारूढ़ पीपुल्स पार्टी (PPP) पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के बयानों से नाराज है। मरियम, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी हैं और उनकी पार्टी PML-N केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही है। हाल ही में, मरियम ने कहा था कि PPP अपनी सलाह अपने पास ही रखे, जिससे PPP के सांसदों ने संसदीय कार्यवाही का बहिष्कार किया।
सिंधु नदी पर जल संघर्ष
इस विवाद की असली चिंगारी चोलिस्तान नहर परियोजना से भड़की। सिंधु नदी, जिसे पाकिस्तान की जीवनरेखा माना जाता है, के पानी को पंजाब के चोलिस्तान रेगिस्तान तक पहुंचाने के लिए 176 किमी लंबी छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन सिंध के निवासियों ने इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा बताया। उनका कहना है कि यदि सिंधु का पानी पंजाब को दिया गया, तो सिंध में सूखा पड़ेगा, फसलें नष्ट होंगी और क्षेत्र रेगिस्तान में बदल जाएगा। भारी विरोध के बाद इस परियोजना को रोक दिया गया, लेकिन विवाद और बढ़ गया।
मरियम नवाज ने माफी से किया इनकार
जब मामला बढ़ा, तो इस्लामाबाद में PPP और PML-N के वरिष्ठ नेता समाधान निकालने की कोशिश में जुटे। PPP ने मरियम से जल अधिकारों पर बोलते समय संयम बरतने की मांग की, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मैं अपने बयान के लिए PPP से कभी माफी नहीं मांगूंगी। इस पर PPP ने पलटवार करते हुए मरियम की सरकार को फॉर्म 47 की उपज करार दिया और कहा कि वह पंजाब की जनता का असली प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।
शहबाज शरीफ पर गहराया राजनीतिक संकट
विवाद बढ़ने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाई नवाज शरीफ से मुलाकात की और आग्रह किया कि वह दोनों दलों के बीच तनाव कम करने में मध्यस्थता करें। इस बीच, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, जो खुद PPP अध्यक्ष भी हैं, गृह मंत्री मोहसिन नकवी से टेलीफोन पर बात की और उन्हें तुरंत कराची बुलाया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने सिंध और पंजाब सरकारों के बीच हालिया तनाव पर चर्चा के लिए गृह मंत्री को कराची बुलाया है।
गठबंधन सरकार पर खतरा?
PML-N और PPP के बीच बढ़ता टकराव शहबाज सरकार के लिए खतरे की घंटी बनता जा रहा है। यदि यह विवाद सुलझता नहीं है, तो पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में दरार पड़ना तय है। वर्तमान स्थिति में, जहां देश आर्थिक, सामाजिक और कश्मीर जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, आंतरिक राजनीतिक खींचतान शहबाज शरीफ के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।