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सीएम योगी ने आई लव मुहम्मद विवाद पर दी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आई लव मुहम्मद विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पहले दंगाइयों को सम्मानित किया जाता था और सत्ता अपराधियों के सामने झुकती थी। सीएम ने मौलाना पर भी टिप्पणी की, यह बताते हुए कि राज्य में सत्ता किसके हाथ में है। उन्होंने हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की और बरेली की घटना का जिक्र किया।
 

सीएम योगी का बयान

सीएम योगी ने आई लव मुहम्मद विवाद पर अपनी बात रखी: उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में चल रहे आई लव मुहम्मद विवाद के संदर्भ में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश विजन @2047 कार्यक्रम में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पहले दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था और सत्ता अपराधियों के सामने झुकती थी।


सीएम योगी ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी लोग माफियाओं के साथ मिलकर काम करते थे। उन्होंने कहा कि यूपी में माफियाओं का राज चलता था और हर जिले में एक माफिया को नियुक्त किया गया था, जिससे जनता की सुरक्षा की बजाय अपराधियों को बढ़ावा मिला।




सीएम योगी का मौलाना पर बयान

मौलाना को याद दिलाया गया कि सत्ता किसकी है


सीएम योगी ने बरेली में हुई अशांति का जिक्र करते हुए कहा कि एक मौलाना को यह याद दिलाना पड़ा कि राज्य में सत्ता किसके हाथ में है। उन्होंने कहा कि मौलाना को यह लगता था कि वह जब चाहे व्यवस्था को रोक सकता है, लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया कि न तो कोई नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू।


सीएम ने यह भी कहा कि जो पाठ हमने सिखाया है, उससे दंगाइयों की अगली पीढ़ी दो बार सोचने पर मजबूर होगी। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले यूपी में यही स्थिति थी, लेकिन अब तक कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है।




हिंसा फैलाने वालों के लिए सख्त कार्रवाई

बुलडोजर की तैयारी


सीएम योगी ने यह भी कहा कि जो लोग जाति के नाम पर समाज में हिंसा फैलाने का प्रयास करते हैं, उनके लिए बुलडोजर तैयार है। उन्होंने कहा कि जब भ्रष्ट और बेईमान लोग सत्ता में होते हैं, तो वे उसका दुरुपयोग करते हैं, जैसा पहले उत्तर प्रदेश में हुआ था।


बरेली की घटना का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि जब इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने आई लव मोहम्मद अभियान के समर्थन में प्रदर्शन की घोषणा की, तो मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, लेकिन राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया।