सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट में 'वर्कलोड' पर उठाए सवाल
गावस्कर का तीखा बयान
सुनील गावस्कर: ओवल में भारत की शानदार जीत के बाद, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट में 'वर्कलोड' शब्द पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की मेहनत की सराहना की और अन्य खिलाड़ियों से उनसे प्रेरणा लेने की अपील की।
बुमराह की अनुपस्थिति पर टिप्पणी
गावस्कर का यह बयान तब आया जब भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में नहीं खेल पाए, जो भारत के लिए सीरीज बराबर करने के लिए महत्वपूर्ण था। बुमराह ने इस सीरीज में केवल तीन मैच खेले और दो में उन्हें आराम दिया गया।
सिराज का जज्बा
मोहम्मद सिराज ने दिखाया जज्बा
गावस्कर ने मोहम्मद सिराज के प्रदर्शन को असाधारण बताया। सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ सभी पांच टेस्ट मैच खेले और पूरे सीरीज में 185 से अधिक ओवर फेंके। गावस्कर ने कहा कि सिराज ने 'वर्कलोड' के बहाने को पूरी तरह गलत साबित कर दिया। उन्होंने कहा, "सिराज ने लगातार 7-8 ओवर के स्पेल फेंके क्योंकि कप्तान और देश को उनसे उम्मीद थी। यह दर्शाता है कि वर्कलोड एक मानसिक मुद्दा है, न कि शारीरिक।"
वर्कलोड शब्द को हटाने की सलाह
गावस्कर ने सुझाव दिया कि भारतीय क्रिकेट से 'वर्कलोड' शब्द को हटा देना चाहिए। उनका मानना है कि यदि खिलाड़ी इस शब्द के पीछे छिपते रहेंगे, तो देश को अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मैदान पर नहीं मिलेंगे।
देश के लिए खेलना गर्व की बात
देश के लिए खेलना गर्व की बात
गावस्कर ने खिलाड़ियों को देश के लिए खेलने के सम्मान को समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो छोटी-मोटी तकलीफों की शिकायत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने भारतीय सेना के जवानों का उदाहरण देते हुए कहा, "सीमा पर जवान ठंड की शिकायत नहीं करते। उसी तरह क्रिकेटरों को भी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।"
ऋषभ पंत का उदाहरण
गावस्कर ने ऋषभ पंत का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने टूटी उंगली के बावजूद सीरीज में खेलना जारी रखा। उन्होंने कहा, "पंत ने दिखाया कि देश के लिए खेलना कितना बड़ा गर्व है। 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता।"