सुशीला कार्की: नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की पहली पसंद
नेपाल में सुशीला कार्की की उम्मीदवारी पर सहमति
नेपाल में सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने पर सहमति: नेपाल में जनरेशन जेड के प्रमुख नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री या कैबिनेट प्रमुख बनाने पर सहमति व्यक्त की है, केवल औपचारिकताएं बाकी हैं। सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें इस पद पर नियुक्त करने में संवैधानिक बाधाएं थीं। नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 132 के अनुसार, जो न्यायाधीश रह चुके हैं, वे अन्य पदों पर नहीं बैठ सकते। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में इस बाधा को तोड़ने का प्रावधान संविधान में नहीं है। इसके बावजूद, उनके नाम पर अनौपचारिक सहमति बनना एक बड़ी उपलब्धि है।
Gen Z का समर्थन
सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाने के लिए बड़ी संख्या में जनरेशन जेड के युवाओं ने समर्थन दिया है। इसके अलावा, सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है और माना जा रहा है कि वे भारत के साथ संबंधों को संतुलित करने में सक्षम होंगी। कार्की सबसे पहले राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के कानूनी सलाहकार और वरिष्ठ अधिवक्ता बाबूराम कुण्वर से मुलाकात करेंगी। इसके बाद राष्ट्रपति के साथ निर्णायक वार्ता होगी। यदि सहमति बनी, तो कार्की आज ही अंतरिम कैबिनेट प्रमुख के रूप में शपथ ले सकती हैं।
बालेंद्र शाह का समर्थन
नेपाल में जनरेशन जेड के प्रदर्शनों के बाद जब प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया, तो काठमांडू के पूर्व मेयर बालेंद्र शाह का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सबसे पहले सामने आया। लेकिन बालेंद्र शाह ने खुद आगे बढ़कर सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया। काठमांडू के भद्रकाली स्थित नेपाल सेना मुख्यालय में हुई बैठकों में सुशीला कार्की को उनकी ईमानदारी और स्पष्टता के कारण कुछ समूहों का समर्थन प्राप्त है, जबकि विरोधी संविधान में पूर्व न्यायाधीश को प्रधानमंत्री न बनाने की बाधा और उनकी उम्र का हवाला दे रहे हैं।
Gen Z नेता ओजस्वी का बयान
Gen Z नेता ओजस्वी ने कहा, 'हमारे पास कोई नेता नहीं है, यह रातोंरात शुरू हुआ। हमें एक अंतरिम सरकार की आवश्यकता है, जिसके लिए हमने सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया है। हम उन्हें इसलिए चुनना चाहते हैं क्योंकि वे इस राष्ट्र के निर्माण में हमारी मदद करेंगी।' उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा संसद को भंग करना और देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है।
नेपाल में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया
यह ध्यान देने योग्य है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद नेपाल में हिंसक प्रदर्शन हुए। प्रधानमंत्री और कई मंत्रियों के इस्तीफे के बाद, नेपाल में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जनरेशन जेड के विभिन्न समूहों के बीच बातचीत जारी है। फिलहाल, सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा तेज हो गई है। शांति को देखते हुए काठमांडू घाटी में लागू कर्फ्यू में आंशिक ढील दी गई है।