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सैम पित्रोदा ने पड़ोस नीति को बताया भारत के लिए महत्वपूर्ण

सैम पित्रोदा ने हाल ही में पड़ोस नीति के महत्व पर जोर दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने राहुल गांधी के चुनावी मुद्दों पर उठाए गए सवालों का समर्थन किया और कहा कि चुनावों का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है। पित्रोदा ने भाजपा के दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। जानें उनके विचार और दृष्टिकोण के बारे में।
 

पड़ोस नीति पर सैम पित्रोदा की राय

नई दिल्ली - इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भारत की पड़ोस नीति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में उन्हें घर जैसा अनुभव हुआ है। उनका मानना है कि विदेश नीति को पहले पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पित्रोदा ने कहा, "क्या हम अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत कर सकते हैं? मैंने पाकिस्तान का दौरा किया और वहां मुझे घर जैसा महसूस हुआ।"


उन्होंने बांग्लादेश और नेपाल का भी उल्लेख किया, जहां उन्हें ऐसा ही अनुभव हुआ। पित्रोदा ने कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि मैं विदेश में नहीं हूं।"


जब 'वोट चोरी' के आरोपों पर बात की गई, तो उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया है और हम सभी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए।" पित्रोदा ने चुनावों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "चुनाव हमारे जैसे बुजुर्गों से ज्यादा आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करते हैं। राहुल गांधी के शब्द सच्चे हैं, लेकिन वे अकेले नहीं लड़ सकते।"


उन्होंने राहुल गांधी की अपील का समर्थन करते हुए कहा, "मैं भारत के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे राहुल गांधी की आवाज में अपनी आवाज मिलाएं।" पित्रोदा ने राहुल गांधी को 'चमकदार और ऊर्जावान युवा' बताया और कहा कि भाजपा और अन्य दल उन्हें गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।


सैम पित्रोदा ने यह भी कहा कि भाजपा का दावा कि पीएम मोदी ने भारत की विदेश नीति को बदल दिया है, गलत है। उन्होंने कहा, "यह सब बकवास है। अगर मैं अपने पड़ोसियों से पूछूं, तो वे पीएम मोदी या भारत के बारे में कुछ नहीं जानते।"