सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान को घर जैसा बताने पर दी सफाई
सैम पित्रोदा का स्पष्टीकरण
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने हाल ही में अपने बयान पर उठे विवाद के बाद सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि, हाल की चर्चाओं को देखते हुए, वह अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करना चाहते हैं।
चुनौतियों की अनदेखी नहीं करना चाहता था- सैम पित्रोदा
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा उन वास्तविकताओं की ओर ध्यान आकर्षित करना रहा है, जिनका सामना देश कर रहा है, जैसे चुनावी प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे, नागरिक समाज का महत्व, और भारत की भूमिका, चाहे वह क्षेत्रीय हो या वैश्विक।
पित्रोदा ने यह भी स्पष्ट किया कि जब उन्होंने पड़ोसी देशों की यात्रा के दौरान 'घर जैसा' महसूस करने की बात की, तो उनका आशय साझा इतिहास और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर देना था, न कि संघर्ष और आतंकवाद जैसी गंभीर चुनौतियों को नजरअंदाज करना।
विश्वगुरु की अवधारणा पर सवाल
उन्होंने 'विश्वगुरु' की अवधारणा को चुनौती देते हुए कहा कि यह एक मिथक है कि भारत हमेशा सबकी सोच का केंद्र है। उनका तात्पर्य था कि विदेश नीति को वास्तविक प्रभाव, आपसी विश्वास, और क्षेत्रीय स्थिरता पर आधारित होना चाहिए।
पित्रोदा ने लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें मुक्त और निष्पक्ष चुनाव, संस्थाओं को मजबूत करना, और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा शामिल है।
सुरक्षा और संरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को भ्रम हुआ है, तो वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनका उद्देश्य किसी की पीड़ा को कम आंकना नहीं था। उनका लक्ष्य ईमानदार संवाद और सहानुभूति को बढ़ावा देना है।
आगे बढ़ते हुए, पित्रोदा ने पारदर्शिता और सम्मानजनक संवाद के लिए प्रतिबद्धता जताई, ताकि भारत अपनी संस्थाओं और सुरक्षा को मजबूत कर सके।