सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी
लेह में हालिया हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है।
अविनाश दुबे ने शनिवार को एक विशेष बातचीत में कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। वर्तमान में देश में तानाशाही का माहौल व्याप्त है। लोकतंत्र में लोगों को अपनी बात रखने और कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। यदि जनता की भावनाओं और मांगों को इस तरह से दबाया जाएगा, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। सोनम वांगचुक की एकमात्र मांग है कि लद्दाख की स्वायत्तता, जिसे राज्य के रूप में मान्यता दी गई थी, को लागू किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय जनता को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें समझा जाना चाहिए। दुबे ने यह आरोप भी लगाया कि वहां सरकार का कोई अस्तित्व नहीं है और न ही कोई जिम्मेदारी लेने वाला है। यदि वांगचुक ने जनता की आवाज उठाई है, तो पूरा देश उनके साथ खड़ा है। उनकी बातों को महत्व दिया जाना चाहिए, न कि उन्हें अपराधी की तरह पेश किया जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि सोनम वांगचुक पर लद्दाख के लेह शहर में हिंसा भड़काने का आरोप है, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। वांगचुक ने 10 सितंबर को राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची में शामिल करने और लद्दाख के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए भूख हड़ताल की थी।
इसके अलावा, बरेली में मुस्लिम समुदाय की एक उग्र भीड़ द्वारा 'आई लव मोहम्मद' के नारे लगाते हुए पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने और पत्थरबाजी की घटना पर भी अविनाश दुबे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इसे उकसाकर बड़ा रूप दिया जा रहा है।
दुबे ने यह भी कहा कि यह एक षड्यंत्र है जिसका उद्देश्य समाज में भाईचारे को कमजोर करना और एक विशेष वर्ग को आतंकित करना है। शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।