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सोनीपत रिश्वत मामले में डीसी के पीए को 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया

सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो ने डीसी के निजी सहायक शशांक शर्मा को 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। ACB ने आरोपी के घर से भारी मात्रा में नकदी और आभूषण भी बरामद किए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में।
 

सोनीपत रिश्वत मामला: डीसी के पीए की गिरफ्तारी

सोनीपत रिश्वत मामला: डीसी के पीए को 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया! हरियाणा के प्रशासनिक क्षेत्र में सोनीपत रिश्वत मामले ने हलचल मचा दी है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने सोनीपत के डीसी के निजी सहायक शशांक शर्मा को 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।


शशांक ने एक कर्मचारी से राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के ट्रांसफर के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। ACB ने आरोपी के घर से भारी मात्रा में नकदी और आभूषण भी बरामद किए हैं। आइए, इस मामले की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।


रिश्वत की मांग और ACB की कार्रवाई


सोनीपत रिश्वत मामले की शुरुआत तब हुई जब डीसी कार्यालय में कार्यरत जितेंद्र कुमार ने ACB को शिकायत की। जितेंद्र ने बताया कि पीए शशांक शर्मा ने राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के रूप में उनका ट्रांसफर कराने के लिए 5 लाख रुपये मांगे।


शशांक ने पहले से ही 1.50 लाख रुपये एडवांस ले लिए थे। ACB ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जितेंद्र को 3.50 लाख रुपये की राशि देकर शशांक के पास भेजा। जैसे ही शशांक ने पैसे लिए, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।


कैबिन और घर से मिली नकदी


ACB ने शशांक के डीसी कार्यालय में कैबिन की तलाशी ली, जहां से 3.50 लाख रुपये नकद बरामद हुए। इसके बाद टीम ने शशांक के अशोक विहार स्थित निवास पर भी छापा मारा।


वहां 5.75 लाख रुपये की नकदी और कुछ आभूषण मिले। इतनी नकदी थी कि उसे गिनने के लिए मशीन का उपयोग करना पड़ा। ACB ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का संकेत देती है। रोहतक ACB के डीएसपी सोमबीर ने बताया कि शशांक को अदालत में पेश किया जाएगा।


भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता


सोनीपत रिश्वत मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। डीसी जैसे उच्च पद के पीए का रिश्वत लेना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह आम जनता का विश्वास भी तोड़ता है। ACB की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


यह मामला सरकार और प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता बताता है। लोगों को इस तरह की शिकायतें बेझिझक करनी चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सके। यह घटना जागरूकता और पारदर्शिता की मांग करती है।