×

हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या: पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान

हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी ने पोस्टमार्टम की अनुमति दी, जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस मामले में कई विवाद उठ रहे हैं, जिसमें संदीप लाठर की मौत और पूरन कुमार के सुसाइड नोट का जिक्र है। जानें इस मामले में सरकार की कार्रवाई और परिवार की स्थिति के बारे में।
 

IPS Puran Kumar आत्महत्या मामले की जांच


हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या: उनकी पत्नी ने आठ दिन की प्रतीक्षा के बाद बुधवार को पोस्टमार्टम के लिए लिखित अनुमति दी। इसके बाद परिवार ने शव की पहचान की और चंडीगढ़ PGI अस्पताल में एक मजिस्ट्रेट और फॉरेंसिक टीम की उपस्थिति में चिकित्सकों के एक समूह ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया को पूरा किया। यह प्रक्रिया वीडियोग्राफी के साथ रिकॉर्ड की गई।


अंतिम संस्कार का आयोजन

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंपा गया। पहले इसे उनके निवास पर लाया गया और फिर शाम चार बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट में किया गया।


पुलिस और परिवार की सहमति

अमनीत कुमार का भरोसा
आदेश मिलने से पहले, पुलिस ने अदालत से पोस्टमार्टम की अनुमति लेने का प्रयास किया था। लेकिन इससे पहले ही पूरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत पी कुमार ने लिखित अनुमति दी। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास दिलाया गया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को सजा मिलेगी। इसी विश्वास के आधार पर उन्होंने पोस्टमार्टम की सहमति दी।


संदीप लाठर मामले में परिवार की स्थिति

परिवार की जिद
रोहतक में तैनात ASI संदीप लाठर के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है। उनका कहना है कि पहले संदीप की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि संदीप ने अपने अंतिम वीडियो बयान में सीधे वाई पूरन कुमार और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।


सुसाइड नोट का विवाद

विवादास्पद सुसाइड नोट
यह संभवतः पहला मामला है जब एक वरिष्ठ IPS अधिकारी की पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके पति को आत्महत्या के लिए उकसाया गया। पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में 15 IAS/IPएस अधिकारियों का नाम लिया और लिखा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा था। उन्होंने जाति भेदभाव, पदोन्नति और सरकारी सुविधाओं में अन्याय का उल्लेख करते हुए कहा कि वे इस प्रकार की प्रताड़ना और सामाजिक बहिष्कार को अधिक समय तक सहन नहीं कर सकते थे।


सरकारी कार्रवाई

सरकारी कदम और छुट्टी आदेश
पूरे विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को अगले आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है। शत्रुजीत सिंह कपूर की जगह ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। इस कार्रवाई को एक तात्कालिक कदम के रूप में देखा जा रहा है ताकि जांच निष्पक्ष और प्रभावी हो सके।