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हरियाणा में कांग्रेस की नेतृत्व की चुनौतियाँ: भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कैप्टेन अजय यादव की संभावनाएँ

हरियाणा में कांग्रेस पार्टी एक नेतृत्व संकट का सामना कर रही है, जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधायक दल के नेता बने रहने के लिए अड़े हुए हैं। पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कैप्टेन अजय यादव का नाम चर्चा में है। क्या यह समझौता कांग्रेस को मजबूत करेगा? जानें पूरी कहानी में।
 

हरियाणा में कांग्रेस का नेतृत्व संकट

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को एक साल से अधिक समय हो चुका है। कांग्रेस पार्टी न तो हार के सदमे से उबर पाई है और न ही विधायक दल का नया नेता चुनने में सफल हो पाई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो पिछले चार विधानसभाओं में विधायक दल के नेता रहे हैं, किसी भी हाल में इस पद को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। पार्टी उन्हें फिर से विधायक दल का नेता बना सकती है, लेकिन वे प्रदेश अध्यक्ष का पद भी अपने किसी करीबी को दिलवाना चाहते हैं। इसका मतलब है कि वे पार्टी संगठन और विधायक दल दोनों पर नियंत्रण रखना चाहते हैं। यह स्थिति राहुल गांधी को स्वीकार्य नहीं है, और कुमारी सैलजा तथा रणदीप सुरजेवाला भी इस पर सहमत नहीं हैं।


संभावित समझौता: कैप्टेन अजय यादव

हाल ही में यह चर्चा हो रही है कि यदि हुड्डा को विधायक दल का अध्यक्ष बनाया जाता है, तो वे प्रदेश अध्यक्ष के पद पर समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं। इस समझौते में कैप्टेन अजय यादव का नाम सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद के समधी कैप्टेन अजय यादव हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस जाट, दलित और पिछड़ों में यादव का समीकरण बनाने का प्रयास कर रही है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यादवों ने एकजुट होकर भाजपा को वोट दिया था। कैप्टेन अजय यादव के माध्यम से कांग्रेस दिल्ली से सटे गुरुग्राम से लेकर पूरे अहीरवाल क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। वहीं, जाटों का मोर्चा हुड्डा परिवार और दलितों का मोर्चा कुमारी सैलजा संभालेंगी।