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हरियाणा में दयालु-2 योजना: आवारा पशुओं के हमले से मौत पर आर्थिक सहायता

हरियाणा सरकार ने दयालु-2 योजना की शुरुआत की है, जो आवारा जानवरों के हमले से होने वाली मौत या चोट के मामलों में आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पंजीकृत परिवारों को विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार सहायता राशि मिलेगी। योजना का उद्देश्य नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। आवेदन प्रक्रिया सरल है, जिसमें आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जानें इस योजना के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

हरियाणा दयालु-2 योजना का शुभारंभ

हरियाणा दयालु-2 योजना: आवारा पशुओं के हमले से होने वाली मौत पर लाखों रुपये की सहायता! चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जो कुत्ते के काटने या आवारा जानवरों के हमले से होने वाली मृत्यु, दिव्यांगता या चोट के मामलों में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।


योजना का विवरण

इस योजना का नाम दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-2) है। यह योजना उन परिवारों के लिए है, जो परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में पंजीकृत हैं और जिनकी वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम है। यह योजना उन व्यक्तियों को राहत प्रदान करेगी, जो गाय, बैल, कुत्ते, नीलगाय जैसे आवारा जानवरों के हमले का शिकार होते हैं।


योजना की शुरुआत

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जो वित्त और योजना विभाग के अतिरिक्त सचिव भी हैं, ने इस योजना की अधिसूचना जारी की है। यह योजना अधिसूचना के दिन से लागू हो चुकी है।


पहले 25 मई 2023 और 9 नवंबर 2023 को जारी अधिसूचनाएं अब 90 दिन बाद समाप्त हो जाएंगी। यह योजना लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


आर्थिक सहायता की राशि

दयालु-2 योजना के तहत यदि किसी की मृत्यु या 70% से अधिक स्थायी दिव्यांगता होती है, तो उम्र के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 12 साल तक के बच्चों को 1 लाख, 12-18 साल के युवाओं को 2 लाख, 18-25 साल के व्यक्तियों को 3 लाख, 25-45 साल के लोगों को 5 लाख और 45 साल से अधिक उम्र वालों को 3 लाख रुपये दिए जाएंगे।


यदि दिव्यांगता 70% से कम है, तो कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 के तहत राशि दी जाएगी, जो कम से कम 10 हजार रुपये होगी। सामान्य चोट के लिए 10 हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। कुत्ते के काटने पर हर दांत के निशान के लिए 10 हजार रुपये और त्वचा से मांस उखड़ने पर हर 0.2 सेमी घाव के लिए 20 हजार रुपये मिलेंगे।


योजना का कार्यान्वयन

हर जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक, उपमंडल अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि और योजना अधिकारी शामिल होंगे।


जरूरत पड़ने पर पंचायत, वन, नगर निकाय या अन्य विभागों के अधिकारी भी समिति में शामिल हो सकते हैं। यह समिति दावों की जांच करेगी और 120 दिनों के भीतर मुआवजे का निर्णय लेगी। यदि हादसा पालतू जानवर से हुआ है, तो उसके मालिक को भी सुनवाई का अवसर मिलेगा।


आवेदन प्रक्रिया

दावा करने के लिए घटना के 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इसके साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर या डीडीआर, अस्पताल के रिकॉर्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र और चोट की फोटो जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।


निर्धारित समय के बाद दावे स्वीकार नहीं किए जाएंगे। सहायता राशि पीपीपी में दर्ज आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जाएगी। मृत्यु की स्थिति में यह राशि परिवार के मुखिया को मिलेगी। यदि मुखिया नहीं है, तो सबसे बड़े सदस्य (60 साल से कम) को राशि दी जाएगी। यदि सभी सदस्य 18 साल से कम हैं, तो राशि वयस्क होने पर मिलेगी।


योजना की जिम्मेदारी

हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास (एचपीएसएन) इस योजना की नोडल एजेंसी है। इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी योजना को लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे।


समिति द्वारा तय राशि 6 हफ्तों में जारी की जाएगी। इसके बाद, जिस विभाग या व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी, उससे राशि वसूली जाएगी। गलत दावों पर 12% ब्याज के साथ राशि वापस ली जाएगी।