हरियाणा में धर्म छिपाकर विवाह अमान्य, नया कानून लागू
धर्म छिपाकर विवाह करने पर कानूनी प्रावधान
संतान को मिलेगा संपत्ति में अधिकार
हरियाणा सरकार ने एक नया धर्मांतरण कानून लागू किया है, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति विवाह के लिए अपने धर्म को छिपाता है, तो वह विवाह अमान्य माना जाएगा। हालांकि, ऐसे विवाह से उत्पन्न संतान को कानूनी अधिकार प्राप्त होंगे। गृह विभाग ने इस कानून के पालन के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने सभी जिलों के उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम 2022 का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
धोखे से धर्म परिवर्तन पर सख्त सजा
धोखे से धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं
नए कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति धोखे, लालच, बल या अनुचित प्रभाव से धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता, चाहे वह विवाह के लिए ही क्यों न किया गया हो। गृह सचिव ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने धर्म को छिपाकर विवाह करता है, तो वह विवाह अमान्य होगा। लेकिन, ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे को वैध माना जाएगा और वह अपने माता-पिता की संपत्ति का अधिकारी होगा।
कानूनी दंड और जुर्माना
3 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल की सजा
इस अधिनियम के तहत, यदि कोई व्यक्ति धर्म छिपाकर विवाह करता है, तो उसे तीन से 10 साल की जेल और 3 लाख से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया
धर्म परिवर्तन से पहले सूचित करना अनिवार्य
सुमिता मिश्रा के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने से पहले संबंधित उपायुक्त को सूचित करना आवश्यक है। धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले व्यक्ति को भी सूचना देनी होगी। किसी भी घोषणा पर 30 दिन तक आपत्ति दर्ज की जा सकती है.
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