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हरियाणा में पेंशन स्कीम में अपात्र लाभार्थियों की पहचान

हरियाणा के जिला समाज कल्याण विभाग ने पेंशन स्कीम में अपात्र लाभार्थियों की पहचान की है, जिसके तहत हजारों लोगों की पेंशन रोकी गई है। विभाग ने डिजिटल सत्यापन के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त की है कि कई लाभार्थी आय सीमा से अधिक होने के बावजूद पेंशन का लाभ ले रहे थे। अब उन्हें अपनी पात्रता साबित करने का मौका दिया जाएगा, अन्यथा वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जानें किन जिलों में सबसे अधिक अपात्र पेंशनधारी पाए गए हैं और इस स्थिति का क्या असर होगा।
 

हरियाणा में पेंशन लाभार्थियों की जांच

हरियाणा समाचार: जिला समाज कल्याण विभाग ने पेंशन योजना में अपात्र लाभार्थियों की पहचान की है। कैथल जिले में 2,953 व्यक्तियों की पेंशन को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है।


इन लाभार्थियों को सितंबर और अक्टूबर के लिए पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, पहले दी गई पेंशन पर 12 प्रतिशत ब्याज सहित वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।


अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारक

विभाग द्वारा पेंशन लाभार्थियों के दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन लगातार किया जा रहा है। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में आय और अन्य सरकारी लाभ का डेटा अपडेट होने पर यह पता चला कि प्रदेश में 36,000 से अधिक लाभार्थियों की आय पेंशन पात्रता सीमा से अधिक है, फिर भी वे वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रहे थे।


जांच अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि ऐसे लाभार्थियों की सूची जिलों को भेजी गई है, जिनके नाम गलत तरीके से पेंशन प्राप्त करने वालों में शामिल हैं। उन्हें अपनी पात्रता साबित करने का अवसर दिया जाएगा।


यदि वे पात्रता साबित नहीं कर पाते हैं, तो रिकवरी नोटिस जारी किए जाएंगे। जिले में 2,973 अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई है।


टॉप 10 जिले जहां अपात्र पेंशनधारी पाए गए

जिला अपात्रों की संख्या


जींद 3,858
पलवल 3,134
हिसार 2,962
कैथल 2,953
सोनीपत 2,739
करनाल 1,852
सिरसा 1,846
यमुनानगर 1,662
मेवात 1,649
पानीपत 1,630


जिन लोगों ने गलत आय दर्शाकर पेंशन प्राप्त की है, उनसे पहले आय-संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे। यदि कोई लाभार्थी अपनी पेंशन पात्रता साबित नहीं कर पाता है, तो पूरी राशि ब्याज सहित वसूली जाएगी। इससे अपात्र लाभार्थियों में चिंता का माहौल है।


कई ऐसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और ब्याज सहित रिकवरी चुकाना उनके लिए कठिन होगा। कुछ लोग अब पीपीपी डेटा को फिर से अपडेट कराने की कोशिश कर रहे हैं।