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हरियाणा में बाढ़ राहत पर आम आदमी पार्टी का तीखा हमला

आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बाढ़ राहत में विफलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में किसानों को समय पर मुआवज़ा मिला, जबकि हरियाणा में स्थिति भिन्न है। ढांडा ने किसानों से अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की और बीजेपी सरकार की नाकामी को उजागर किया। जानें पूरी कहानी में क्या कहा गया है।
 

हरियाणा सरकार पर आरोप

चंडीगढ़ - आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने सोमवार को हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बाढ़ राहत के मुद्दे को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि "जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों के साथ खड़े होकर रिकॉर्ड 30 दिनों में ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया, वहीं हरियाणा में किसानों को न तो राहत मिली और न ही मुआवज़ा या गिरदावरी का कार्य समय पर पूरा हुआ।"


अनुराग ढांडा ने बताया कि बाढ़ के कारण हरियाणा में 5.30 लाख किसान, 6,395 गांव और लगभग 31 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई, लेकिन अब तक किसानों को एक भी रुपया मुआवज़ा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि 8 जिलों में 15,834 एकड़ का गिरदावरी कार्य अभी भी अधूरा है। "इतने बड़े नुकसान के बावजूद बीजेपी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह मुख्यमंत्री नायब सिंह की असफलता और किसानों के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है।"


उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार ने केवल ₹15,000 प्रति एकड़ मुआवज़े की घोषणा कर किसानों का अपमान किया, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा न केवल घोषित किया, बल्कि इसे रिकॉर्ड समय में किसानों के खातों में पहुंचा दिया। "दोनों राज्यों की सरकारों के कार्यों में स्पष्ट अंतर है। पंजाब ने किसानों का साथ दिया, जबकि हरियाणा ने उन्हें अकेला छोड़ दिया।"


अनुराग ढांडा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री को किसानों की समस्याओं का कोई एहसास नहीं है, न ही उन्हें MSP पर फसल बेचने में कठिनाई का पता है। खेत बाढ़ में बर्बाद हो चुके हैं, फसलें नष्ट हो गई हैं, मुआवज़ा अब तक नहीं मिला और मुख्यमंत्री अपनी केंद्रीय नेतृत्व को खुश करने में व्यस्त हैं। यह किसानों के साथ खुली धोखाधड़ी है।"


उन्होंने कहा कि पंजाब में भगवंत मान की सरकार ने पारदर्शी और त्वरित कार्रवाई करके दिखाया कि किसान हितैषी शासन कैसा होता है। विशेष गिरदावरी 11 सितंबर को शुरू हुई और 45 दिनों के लक्ष्य के बावजूद 30वें दिन मुआवज़ा वितरण शुरू कर दिया गया। पंजाब में 2,508 गांवों में फसल नुकसान दर्ज किया गया और लगभग 3.5 लाख एकड़ प्रभावित भूमि पर ₹20,000 प्रति एकड़ की दर से मुआवज़ा दिया गया। घरों और पशुधन के नुकसान के लिए भी पारदर्शी तरीके से राहत राशि दी जा रही है।


ढांडा ने कहा, "यह फर्क नीयत का है। पंजाब में किसानों को समय पर उनका हक मिला, जबकि हरियाणा में किसान केवल इंतज़ार कर रहे हैं। न गिरदावरी पूरी हुई, न भुगतान हुआ। किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और बीजेपी सरकार राजनीति में व्यस्त है।"


उन्होंने हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं और किसान विरोधी बीजेपी सरकार को जवाब दें। "अगर बीजेपी सरकार में थोड़ी भी शर्म बची है तो किसानों से माफी मांगे और तुरंत राहत राशि जारी करे। किसानों को उनका हक मिलना चाहिए, दिखावटी घोषणाएं नहीं।"


अनुराग ढांडा ने अंत में कहा कि पंजाब मॉडल ने साबित कर दिया है कि पारदर्शी और संवेदनशील सरकार किसानों के लिए बदलाव ला सकती है। "हरियाणा के किसानों को भी अब इस निकम्मी, नाकारा और किसान विरोधी सरकार से जवाब मांगना चाहिए।"