हरियाणा में लघु उद्योगों की भूमिका पर मुख्यमंत्री सैनी का जोर
मुख्यमंत्री का उद्यमियों के प्रति समर्थन
समालखा - हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों में लघु उद्योगों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। 21वीं सदी में भारत के विकास में एमएसएमई का बड़ा हाथ है। हरियाणा सरकार उद्यमियों को और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएँ और नीतियाँ लागू कर रही है।
उद्योग परिचर्चा का महत्व
सैनी ने सोमवार को पानीपत जिले के समालखा में लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय उद्योग परिचर्चा युवा उद्यमियों को नई दिशा प्रदान करेगी। हरियाणा, जो देश के कुल क्षेत्रफल का केवल 1.3 प्रतिशत है, 2024-25 में राष्ट्रीय जीडीपी में 3.6 प्रतिशत का योगदान देने की दिशा में अग्रसर है। पिछले दशक में राज्य का जीएसडीपी 10.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
एमएसएमई की वृद्धि और योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरीदाबाद, पानीपत, यमुनानगर और अंबाला के अनधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों एमएसएमई को राहत प्रदान की गई है। राज्य में 10 नए औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विकसित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के तहत 48 विभागों में 1,100 से अधिक अनुपालनों को सरल बनाया गया है।
रोजगार सृजन और स्टार्टअप्स का विकास
सैनी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में हरियाणा में 7.66 लाख एमएसएमई स्थापित हुए हैं, जिससे 39 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। राज्य में 9,100 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप और 19 यूनिकॉर्न हैं। सरकार का लक्ष्य महिलाओं की भागीदारी को 60 प्रतिशत तक बढ़ाना है। स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का फंड ऑफ फंड्स और ड्रोन तकनीक के लिए 10 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाया गया है। हरियाणा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी अग्रणी है, जहाँ 28,000 इकाइयाँ कार्यरत हैं।