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हरियाणा सरकार ने 4 लाख परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया

हरियाणा सरकार ने हाल ही में 4 लाख से अधिक परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि अब 'सेल्फ डिक्लेरेशन' की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है और इस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त की गई है। बीपीएल से बाहर किए गए परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने पर सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में।
 

हरियाणा सरकार का नया निर्णय

हरियाणा की सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत 4 लाख से अधिक परिवारों को बीपीएल (BPL) श्रेणी से बाहर किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पहले बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए 'सेल्फ डिक्लेरेशन' की प्रक्रिया अपनाई जाती थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। इस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी को नियुक्त किया गया है।


सीएम सैनी ने स्पष्ट किया कि जो परिवार बीपीएल श्रेणी से बाहर किए गए हैं, यदि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अंतिम अवसर है और भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


हरियाणा सरकार ने बीपीएल और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के पात्र परिवारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इनमें ₹500 में गैस सिलेंडर, मुफ्त खाद्यान्न वितरण, और महिलाओं को ₹2,100 की वित्तीय सहायता शामिल है।