×

हरियाणा सरकार ने आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या के मामले में लिया बड़ा कदम

हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रोहतक के एसपी का तबादला किया है। पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में गंभीर आरोप लगाए थे। परिवार ने न्याय मिलने तक शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
 

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या का मामला

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में शनिवार को महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। रोहतक के पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारनिया का तबादला किया गया है। पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में बिजारनिया सहित आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर 'जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार' के गंभीर आरोप लगाए थे।


आधिकारिक आदेश के अनुसार, आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया है। बिजारनिया की नई नियुक्ति के संबंध में आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। यह कार्रवाई मामले की गंभीरता और परिवार के बढ़ते दबाव के परिणामस्वरूप की गई है।


मामला तब और गंभीर हो गया जब पूरन कुमार के परिवार ने न्याय मिलने तक उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। पिछले पांच दिनों से उनका पार्थिव शरीर चंडीगढ़ के एक शवगृह में रखा हुआ है। मृतक अधिकारी की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने एफआईआर में सभी आरोपियों के नाम सही तरीके से शामिल करने और SC/ST एक्ट की कमजोर धाराओं की जगह सख्त धाराएं जोड़ने की मांग की है।


मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को छह सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार इस एसआईटी का नेतृत्व करेंगे। इस बीच, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें पूर्ण न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “मैं परिवार का दर्द साझा करने और उन्हें यह बताने आया हूं कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा।”


यह ध्यान देने योग्य है कि 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार (52) ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके सुसाइड नोट के आधार पर दर्ज FIR में विशेष रूप से हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर उत्पीड़न का उल्लेख किया गया था।