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हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम को किया निरस्त

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम, 2021 को निरस्त कर दिया है। यह विधेयक पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पेश किया गया था, जो आपातकाल के दौरान जेल में बंद जनसंघ से जुड़े नेताओं को लाभ पहुंचाता था। जानें इस विधेयक के निरस्त होने के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।
 

कांग्रेस सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

शिमला- हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए एक विवादास्पद विधेयक को निरस्त करने का निर्णय लिया है। यह विधेयक आपातकाल के दौरान जेल में बंद जनसंघ से जुड़े कई राजनीतिक नेताओं को विशेष लाभ प्रदान करता था।


राज्य सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम, 2021 को निरस्त करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। यह पेंशन योजना पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थी। अब, हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान (निरस्तीकरण) अधिनियम, 2023 के तहत यह एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी हो गया है।


यह विधेयक विधानसभा में तीन अप्रैल, 2023 को बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायकों के तीव्र विरोध के बीच पारित किया गया था। इसे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था, लेकिन राज्यपाल ने इसे मंजूरी नहीं दी और इसे भारत के राष्ट्रपति के पास भेज दिया। हाल ही में राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी, जिससे राजपत्र अधिसूचना का रास्ता साफ हुआ।