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हुमायूं कबीर ने ममता बनर्जी को दी चुनौती, नई पार्टी की योजना

हुमायूं कबीर, जो तृणमूल कांग्रेस से निलंबित हैं, ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दी है कि वह 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी। कबीर ने नई पार्टी की योजना भी बनाई है, जिसकी घोषणा 22 दिसंबर को हो सकती है। इसके अलावा, उन्होंने विवादास्पद बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद के निर्माण की बात भी की है, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और अधिक।
 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुली चुनौती


कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक स्पष्ट चुनौती दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद ममता दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी और उन्हें 'पूर्व मुख्यमंत्री' के रूप में जाना जाएगा।


कबीर ने कहा, 'मुख्यमंत्री को अब पूर्व मुख्यमंत्री बनना है। 2026 में वह फिर से शपथ नहीं लेंगी। वह केवल पूर्व मुख्यमंत्री कहलाएंगी। मैं शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दूंगा।'


नई पार्टी की संभावनाएं, 22 दिसंबर का महत्व

हुमायूं कबीर ने यह भी संकेत दिया कि वह जल्द ही अपनी नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो 22 दिसंबर को मैं नई पार्टी की घोषणा कर दूंगा।' गुरुवार को उन्होंने मुर्शिदाबाद जिला तृणमूल अध्यक्ष के साथ एक लंबी बैठक भी की। सूत्रों के अनुसार, कई मौजूदा और पूर्व तृणमूल नेता-कार्यकर्ता उनके साथ जुड़ सकते हैं।


बाबरी मस्जिद जैसा विवादास्पद ऐलान

हुमायूं कबीर तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलदांगा में 'बाबरी मस्जिद जैसी भव्य मस्जिद' की नींव रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मस्जिद का निर्माण तीन साल में पूरा होगा और उद्घाटन समारोह में देशभर के प्रमुख मुस्लिम नेता शामिल होंगे।


इस बयान के तुरंत बाद, तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी ने इसे 'सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला और पार्टी की नीति के खिलाफ' बताया।