हैदराबाद में स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों के बंद होने पर विवाद
स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों का बंद होना
भारत में 15 अगस्त का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जब देश अपनी आजादी का जश्न मनाता है। यह दिन एकता, स्वतंत्रता और विविधता का प्रतीक है। हालाँकि, इस वर्ष कई नगर निगमों, जिनमें ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) भी शामिल है, ने 15 और 16 अगस्त को बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। इस निर्णय ने एक नई बहस को जन्म दिया है।
ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने अपने आदेश में GHMC एक्ट, 1955 की धारा 533 (बी) का उल्लेख किया है, जो सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अनुमति देता है। इस आदेश के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सभी पशु वधशालाएं और गोमांस की दुकानें बंद रहेंगी।
हालांकि, इस निर्णय ने कई सवाल उठाए हैं। हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश को "कठोर और असंवैधानिक" बताया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की 99% जनसंख्या मांसाहारी है और मांस खाने का स्वतंत्रता दिवस के उत्सव से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गोपनीयता, आजीविका, संस्कृति, पोषण और धर्म के अधिकारों का उल्लंघन बताया।
अन्य शहरों में भी विवाद
हैदराबाद के अलावा, कल्याण-डोंबिवली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (KDMC) ने भी 15 अगस्त को मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, जिसका विरोध NCP और शिवसेना (UBT) के नेताओं ने किया है। विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह खाने की आजादी पर हमला है और हम 15 अगस्त को मटन पार्टी का आयोजन करेंगे।