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कुमाऊं विश्वविद्यालय ने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

 


नैनीताल, 25 फ़रवरी (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों के खिलाफ मंगलवार को अभियान अभियान चलाया। इस दौरान परिसर से 15 और डीएसबी परिसर क्षेत्र से 02 अतिक्रमण हटाए। इस मौके पर स्थानीय लोगों का विरोध भी सामने आया।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव मंगल सिंह मंद्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर और डीएसबी परिसर में रिटायर्ड कर्मचारियों समेत कुछ अन्य लोगों ने लंबे समय से अतिक्रमण कर रखा था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई बार इन्हें नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद अतिक्रमण न हटाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी।

स्थानीय लोगों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

अतिक्रमण हटाने पहुंची विश्वविद्यालय की टीम को डीएसबी परिसर क्षेत्र में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासी ममता चमियाल ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय बिना किसी नोटिस के उनके घर तोड़ने के लिए पहुंच रहा है। उन्होंने दावा किया कि जिस भूमि पर वह पीढ़ियों से रह रहे हैं, वह विश्वविद्यालय की नहीं है और विश्वविद्यालय के पास इस भूमि के कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं।

मंडी समिति के सदस्य मनोज जोशी ने भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस के सहयोग से स्थानीय लोगों के बंद घरों को तोड़कर उनका उत्पीड़न कर रहा है।

भूमि का होगा सर्वेक्षण

डीएसबी परिसर के आसपास के अतिक्रमण को हटाने के लिए 2018 से ही नोटिस जारी किए जा रहे थे, जिनके खिलाफ अब कार्रवाई की गई है। कुछ स्थानीय लोगों की ओर से विश्वविद्यालय की भूमि होने पर सवाल उठाने के बाद प्रशासन ने जल्द ही अधिकारियों के साथ मिलकर अतिक्रमण वाली भूमि का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी