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राज्यपाल आचार्य ने की दो नए संकल्पों की घोषणा

 




कहा- ये पहल राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को और अधिक बलवती करने में होगी सहायक

गुवाहाटी, 23 फरवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज असम राजभवन में महत्वपूर्ण पहल के रूप में दो नए संकल्पों राज्यपाल असम राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोत्साहन संकल्प एवं राज्यपाल असम राष्ट्रीय सेवा प्रोत्साहन संकल्प का शुभारंभ किया। राज्यपाल आचार्य ने इन पहलों को राष्ट्र सेवा और सुरक्षा के प्रति समाज को संकल्पबद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि ये योजनाएं राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।

उल्लेखनीय है कि राजभवन, असम द्वारा पूर्व में भी समाज के विभिन्न वर्गों के समग्र विकास एवं राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए आठ योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। ये योजनाएं हैं- राज्यपाल असम प्रतिभा प्रोत्साहन योजना, राज्यपाल असम वरिष्ठ शिक्षक सम्मान, राज्यपाल असम भाषा प्रोत्साहन योजना, राज्यपाल असम विश्वकर्मा सम्मान, राज्यपाल असम उत्कृष्टता पुरस्कार, राज्यपाल असम अमृत सरोवर सद्भावना संगत प्रोत्साहन योजना, राज्यपाल असम राष्ट्रीय कृतज्ञता एवं जागरूकता योजना और राज्यपाल असम कर्तव्य से विकास योजना। इन नई योजनाओं का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा एवं समाज सेवा के प्रति प्रेरित करना है।

राज्यपाल आचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सैन्य एवं पुलिस बलों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक, विशेष रूप से युवाओं की इसमें अहम भूमिका होती है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए राज्यपाल असम राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोत्साहन संकल्प को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के सहयोग से प्रारंभ किया गया है। राज्यपाल असम राष्ट्रीय सेवा प्रोत्साहन संकल्प का उद्देश्य भी युवाओं को समाज सेवा के प्रति प्रेरित करना है। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सहयोग से स्वास्थ्य जागरूकता, आपदा राहत, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल साक्षरता एवं ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह योजना नेतृत्व क्षमता, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं राष्ट्र-निर्माण की भावना को प्रोत्साहित करने में सहायक होगी।

इस अवसर पर राज्यपाल ने युवाओं में समाज और राष्ट्र के प्रति सेवा की भावना जागृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं की शिक्षा में केवल उनके अभिभावकों का नहीं, बल्कि समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसलिए आवश्यक है कि युवाओं को समाज के प्रति दायित्वबोध से परिचित कराया जाए, जिससे वे समाज एवं राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित हों।

इस अवसर पर राजभवन सचिवालय के सलाहकार डॉ. हरबंश दीक्षित, मेजर जनरल आरडी शर्मा (जीओसी 51 सब एरिया), गौहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ननी गोपाल महंत, कृष्णकांत हैंडिक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद दास, राज्यपाल, असम के आयुक्त एवं सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम सहित, एनसीसी के निदेशक कर्नल अनुराग उपाध्याय, एनएसएस गुवाहाटी के क्षेत्रीय निदेशक जांगजीलोंग, अन्य विश्वविद्यालय के कुलपति और राजभवन के अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश