बंगाल राशन घोटाला : ईडी ने दायर की नई पूरक चार्जशीट
कोलकाता, 24 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एक नई पूरक चार्जशीट दाखिल की है।
ईडी ने यह पांचवीं पूरक चार्जशीट कोलकाता स्थित धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश की है। सूत्रों के अनुसार, इस चार्जशीट में ईडी अधिकारियों ने पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट शांतनु भट्टाचार्य का नाम शामिल किया है।
ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने दो साल पहले इस घोटाले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, पिछले महीने उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत ने जमानत दे दी थी।
ईडी की इस पांचवीं पूरक चार्जशीट में दो अन्य व्यक्तियों, सुब्रत घोष और हितेश चंदक का भी नाम शामिल है, जो दोनों चावल मिल के मालिक हैं। ईडी अधिकारियों ने चार्जशीट में विस्तार से बताया है कि कैसे इस घोटाले से अर्जित अवैध धन को आरोपियों के बैंक खातों के माध्यम से घुमाया गया।
पहले भी ईडी अधिकारियों ने दावा किया था कि शांतनु भट्टाचार्य मुख्य रूप से पूर्व मंत्री के वित्तीय लेनदेन में हेरफेर करने में शामिल थे। अब नई चार्जशीट में इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ईडी अधिकारियों ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के तीन स्थानों—हावड़ा जिले के श्यामपुर और जगतबल्लभपुर तथा दक्षिण 24 परगना जिले के संतोषपुर में छापेमारी की थी। इनमें से एक स्थान एक स्थानीय व्यवसायी का घर था, जो एक सहकारी समिति का प्रभारी भी था। यह समिति किसानों से अनाज खरीदने का काम करती थी।
ईडी की जांच में कई ऐसी सहकारी समितियां संदेह के घेरे में आई हैं, जो दोहरे लाभ के लिए काम कर रही थीं। पहला तरीका यह था कि वे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम कीमत पर अनाज खरीदती थीं। दूसरा तरीका यह था कि वे इस अनाज का एक हिस्सा खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेच देती थीं, बजाय इसे राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आपूर्ति करने के।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर