तेजस्वी यादव बने आरजेडी विधायक दल के नेता, बैठक में उठे कई सवाल
बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया
बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इस क्रम में तेजस्वी यादव को आरजेडी विधायक दल का नेता चुना गया है। सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने बैठक में तेजस्वी को इस पद के लिए चुना। इसके साथ ही महागठबंधन की हार पर भी चर्चा की गई।
बैठक में लालू और राबड़ी का असामान्य व्यवहार
बैठक के दौरान एक अजीब घटना घटी, जिसने सभी को चौंका दिया। आरजेडी के प्रमुख लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी बैठक के बीच में ही वहां से चले गए। उनके इस कदम से यह आभास हुआ कि वे तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता बनाए जाने से संतुष्ट नहीं हैं।
हार के कारणों की समीक्षा
सोमवार को आरजेडी की समीक्षा बैठक में कई प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें लालू यादव, राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती और अन्य शामिल थे। हालांकि, राबड़ी और लालू बैठक समाप्त होने से पहले ही वहां से चले गए।
तेजस्वी की कुर्सी महज दो सीटों से बची
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 243 में से केवल 25 सीटें मिलीं। मुख्य विपक्षी दल का दर्जा पाने के लिए किसी पार्टी के पास 10 प्रतिशत विधायक होने चाहिए। इस मामले में महागठबंधन को 24 सीटें चाहिए थीं, अन्यथा बिहार में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं होता।
गरीबों की आवाज बनेगी आरजेडी
बैठक के बाद आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि तेजप्रताप को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संसद से लेकर सड़क तक गरीबों की आवाज बनी रहेगी।
ईवीएम हैकिंग का आरोप
बैठक के दौरान कुछ विधायकों ने ईवीएम हैकिंग को आरजेडी और महागठबंधन की हार का कारण बताया। सभी ने कहा कि महागठबंधन हर जगह सक्रिय था, जबकि एनडीए कहीं नजर नहीं आ रहा था। इस हार को चुनावों में धांधली का संकेत माना जा रहा है।