बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नई सरकार के गठन की तैयारी में NDA
बिहार में नई सरकार का गठन
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की शानदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली इस सरकार में उपमुख्यमंत्री के पदों की संख्या को लेकर राजनीतिक चर्चाएं बढ़ गई हैं। क्या केवल दो उपमुख्यमंत्री ही पर्याप्त होंगे, या छोटे गठबंधन दलों को संतुष्ट करने के लिए तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे?
भाजपा के प्रमुख नेता सम्राट चौधरी का नाम लगभग तय है, लेकिन भूमिहार समुदाय से विजय सिन्हा की जगह राजपूत चेहरे को मौका मिलने की चर्चा ने जातिगत समीकरणों में बदलाव ला दिया है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को उपमुख्यमंत्री का दर्जा तभी मिलेगा जब तीन पदों का निर्णय लिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री पदों पर चर्चा
दो बनाम तीन उपमुख्यमंत्री का मुद्दा
चुनाव परिणामों के तीन दिन बाद भी NDA के नेताओं के बीच इस विषय पर गहन चर्चा जारी है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव मजबूत दिख रहा है, लेकिन लोजपा (आर) की 19 सीटों की दावेदारी ने इसे जटिल बना दिया है। यदि दो उपमुख्यमंत्री बनते हैं, तो दोनों भाजपा के होंगे, एक राजपूत और दूसरा पिछड़े वर्ग से। सम्राट चौधरी (पिछड़े वर्ग) की स्थिति मजबूत है, क्योंकि उनकी नीतीश कुमार के साथ साझेदारी अच्छी रही है। हालांकि, पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (भूमिहार) को दोबारा मौका मिलना मुश्किल लग रहा है, क्योंकि सवर्ण आरक्षण के बाद राजपूतों की दावेदारी मजबूत हो गई है।
यदि तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाते हैं, तो भाजपा के दो (सम्राट चौधरी और एक राजपूत) के साथ लोजपा (आर) को तीसरा पद मिल सकता है। चिराग पासवान ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी सरकार में शामिल होगी, लेकिन उपमुख्यमंत्री का पद न मिलने पर वे संतुष्ट नहीं होंगे। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) को मंत्री पदों से संतोष करना पड़ सकता है।
जातिगत समीकरण और अमित शाह का वादा
अमित शाह का वादा और जातिगत हिसाब-किताब
चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने तारापुर में सम्राट चौधरी और लखीसराय में विजय सिन्हा को "बड़ा आदमी" बनाने का वादा किया था। लेकिन अब सवर्ण विधायकों की संख्या (70) ने समीकरण बदल दिया है। NDA से कुल 70 सवर्ण विधायक जीते हैं, जिनमें भाजपा के 42, जदयू के 18, लोजपा के 7, रालोमो के 2 और हम के 1 शामिल हैं। जाति के अनुसार 32 राजपूत, 22 भूमिहार, 2 कायस्थ और बाकी ब्राह्मण हैं। भाजपा ने 19 राजपूत और 12 भूमिहार विधायक जीते, जबकि जदयू के 7-7। लोजपा (आर) के 19 विधायकों में 5 राजपूत हैं। पिछली सरकार में 2 भूमिहार (विजय सिन्हा सहित) और 4 राजपूत मंत्री थे, लेकिन अब राजपूतों को उपमुख्यमंत्री पद देकर भाजपा सवर्ण वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है।
मंत्रिमंडल का आकार
मंत्रिमंडल में 35-37 सदस्यों का अनुमान
नई कैबिनेट में कुल 35-37 मंत्री बनने की संभावना है, जिसमें जदयू को 14-15 (नीतीश सहित), भाजपा को 15-16, लोजपा (आर) को 3, हम और रालोमो को 1-1 मिल सकते हैं। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण की तैयारी चल रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है। नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा, जिसके बाद नई सरकार का रास्ता साफ हो गया।