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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे की हलचल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। वामपंथी दलों ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिससे चुनावी रणनीति का संकेत मिलता है। जानें कौन से उम्मीदवार मैदान में हैं और महागठबंधन की पूरी योजना क्या है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी संभावनाओं को मजबूत करेगा।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025


बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इस क्रम में वामपंथी दलों, सीपीआई माले और सीपीआई ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जो यह दर्शाता है कि गठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति को आकार देना शुरू कर दिया है।


सीपीआई माले ने 18 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें तरारी से मदन सिंह चन्द्रवंशी, अगिआंव से शिव प्रकाश रंजन, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, डुमरांव से अजीत कुमार सिंह उर्फ अजीत कुशवाहा, काराकाट से अरुण सिंह कुशवाहा, अरवल से महानंद सिंह कुशवाहा, घोसी से रामबली सिंह यादव, पालीगंज से संदीप सौरभ, फुलवारी से गोपाल रविदास, दीघा से दिव्या गौतम और दरौली से सत्यदेव राम शामिल हैं।


इसके अतिरिक्त, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौंदा से अमरनाथ यादव, भोरे से जितेंद्र पासवान, सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, वारिसनगर से फूलबाबू सिंह, कल्याणपुर से रंजीत राम और बलरामपुर से महबूब आलम भी उम्मीदवारों में शामिल हैं।


सीपीआई के 6 उम्मीदवार

दूसरी ओर, सीपीआई ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। इन सीटों में तेघड़ा से रामरतन सिंह, बखरी से सूर्यकांत पासवान, बछवाड़ा से अवधेश कुमार राय, बांका से संजय कुमार, हरलाखी से राकेश कुमार पांडेय और झंझारपुर से राम नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।


महागठबंधन की रणनीति और सीट बंटवारा

महागठबंधन के तहत आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, जेएमएम, सीपीएम, सीपीआई और माले मिलकर चुनाव में भाग लेंगे। पिछले चुनाव में आरजेडी को 144, कांग्रेस को 70, माले को 19, सीपीआई को 6 और सीपीएम को 4 सीटें मिली थीं। इस बार गठबंधन ने अपनी रणनीति को मजबूत करते हुए वाम दलों को आवश्यक सीटें आवंटित की हैं, और बाकी सीटों की घोषणा जल्द की जाएगी।


राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि वामपंथी दलों का यह सक्रिय कदम महागठबंधन की चुनावी संभावनाओं को और मजबूत करेगा। उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता चुनाव प्रचार में तेजी लाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार गठबंधन का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि राज्य की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की संभावना है।