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लोकसभा क्षेत्र परिसीमन के मुद्दे पर डीएमके ने 5 मार्च को बुलाई सर्वदलीय बैठक

 

चेन्नई, 25 फ़रवरी (हि.स.)। तमिलनाडु में लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर

डीएमके के नेता व मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ा आंदोलन शुरू करने की जरूरत बताई है। इसके लिए मुख्यमंत्री स्टालिनने 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

मंगलवार को चेन्नई सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने आर्थिक स्थिति से जुड़े कई मुद्दों पर निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को अपने अधिकारों के लिए आंदोलन चलाना होगा। दक्षिण भारत में परिसीमन के नाम पर हमारे सिर पर भी तलवार लटक रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026 तक लोकसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सभी विकास सूचकांकों में प्रथम स्थान पर है। यहां कुल 39 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। यदि जनसंख्या जनगणना के आधार पर परिसीमन लागू किया जाता है, तो तमिलनाडु आठ सांसदों को खो देगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की परिवार नियोजन नीतियों के सफल कार्यान्वयन ने अब राज्य को नुकसान में डाल दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए चुनाव आयोग में पंजीकृत 40 दलों के प्रतिनिधियों को इस सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। इस बैठक में निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के अलावा त्रिभाषा व राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पर भी चर्चा होगी।

क्षेत्रों की संख्या घट जाती है:

यह जनसंख्या की गणना करके किया जाता है। भारत का लक्ष्य जनसंख्या नियंत्रण करना है। तमिलनाडु उस लक्ष्य में सफल रहा है। पिछले 10 वर्षों से परिवार नियोजन कार्यक्रम सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। हमने महिला शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सहित कई पहलों के माध्यम से तमिलनाडु में बहुत कुछ हासिल किया है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में जनसंख्या कम होने के कारण लोकसभा सीटों की संख्या कम हो गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV