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रांची विश्वविद्यालय में मनाया केमिस्ट्री-डे

 




रांची, 02 अगस्त (हि.स.)। रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को केमिस्ट्री-डे मनाया गया। यह आयोजन पीजी केमिस्ट्री आरयू तथा आइक्यूएसी रांची विश्वविद्यालय जरिये किया गया।

भारत के प्रसिद्ध रसायनज्ञ आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की याद में केमिस्ट्री डे दो अगस्त को मनाया जाता है। आचार्य पीसी रे ने ही आधुनिक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में रसायन विज्ञान को स्थापित किया। उन्होंने अध्यापन के साथ ही पहला स्वदेशी दवा और कास्मेटिक्स उद्योग भी स्थापित किया।

नेशनल केमिस्ट्री डे आयोजन में सबसे पहले कुलपति प्रो.डा.अजीत कुमार सिन्हा, प्रो. डॉ. जीडी मिश्र (वरिष्ठ प्राध्यापक केमिस्ट्री) प्रो. डॉ. एके डेल्टा (पीजी केमिस्ट्री हेड) डीएसडब्ल्यू डॉ. एसके साहू, डॉ. अरुण कुमार (डीन साइंस) कुलसचिव डॉ. विनोद नारायण ने आचार्य पीसी रे के तस्वीर पर माल्यार्पण किया।

मौके पर कुलपति ने आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला और कहा कि आचार्य पीसी रे भारतीय रसायन शास्त्र के जनक थे वह एक प्राध्यापक, साहित्यकार, उद्योगपति भी थे। उनकी सबसे बड़ी खोज नाइट्रस आक्साइड की थी। आज हम उनके जन्म दिवस पर याद करके नेशनल केमिस्ट्री डे मना रहे हैं उनके योगदान का देश सदैव ऋणी रहेगा। पीजी केमिस्ट्री विभाग के हेड डॉक्टर एके डेल्टा ने आचार्य पीसी रे के देश में केमिस्ट्री में योगदान और उनकी जीवनी के बारे में विस्तार से बताया।

मुख्य अतिथि डॉ. जीडी मिश्र ने कहा कि आचार्य पीसी रे जैसे महान लोगों को याद करने का उद्देश्य हम इस लिये ही करते हैं कि इन विलक्षण लोगों के कार्यों को जानें, उनसे सीखें उनके योगदान से प्रेरणा लें। डॉ. मिश्र ने कहा कि आचार्य पीसी रे का आविर्भाव उस काल में हुआ जब देश में मुगल काल खत्म हो चुका था और अंग्रेजों का प्रभाव था इस संधिकाल में डॉ. प्रफुल्ल चंद्र रे का आना और रसायन विज्ञान में इतना बड़ा योगदान देना विलक्षण घटना थी। डॉ. रे ने स्वाभिमान और परिश्रम के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर आज हमें शोध और अध्यापन का कार्य करना चाहिये।

कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारी, सभी विभागों के हेड, डीन, प्राध्यापक और सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे / चन्द्र प्रकाश सिंह