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पंचायती राज व सहकारिता में तीन संतान के बाद चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी हटे, चित्तौड़ विधायक ने की मांग

 


चित्तौड़गढ़, 25 फ़रवरी (हि.स.)। विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से राजस्थान में पंचायती राज, शहरी निकाय एवम् सहकारिता विभाग संबंधी जनप्रतिनिधियों के तीन संतान होने पर चुनाव लडने पर पाबंदी के नियम को हटाने की मांग रखी।

स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए विधायक आक्या ने सरकार से, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी व संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल से विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। विधायक आक्या ने यह मुद्दा उठाया की राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों एवं सहकारिता विभाग में जो भी चुनाव होते हैं उसमें दो संतान से अधिक होने पर चुनाव लडने पर पाबंदी है। वहीं विधायक एवम् सांसद तो दो संतान से अधिक होने पर भी चुनाव लड़ सकते हैं। विधायक आक्या ने मुद्दा उठाते हुए सरकार से मांग की है कि दो संतान से अधिक होने पर चुनाव लडने पर पाबंदी को हटाई जानी चाहिए। इससे अच्छे जनप्रतिनिधि पंचायतीराज, शहरी निकायों व सहकारिता संस्थानों में चुन कर आ सके और संस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित कर सके। विधायक आक्या ने कहा कि या तो सरकार विधायकों एवम् सांसदों पर भी यह नियम लागू करें कि जिनके भी दो से अधिक संतान है तो वे भी चुनाव नहीं लड़ पाए या फिर पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों व सहकारिता संस्थानों में जो राइडर लगा हुआ है, जो रोक लगी हुई है उसको हटाए। विधायक आक्या के प्रस्ताव पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल जवाब देते हुए कहा कि विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने जो मुद्दा उठाया है वह एक बहुत गंभीर विषय है और पूरे राजस्थान के जनप्रतिनिधियों व पूरे राजस्थान के आमजन से जुड़ा हुआ है। ऐसे में सरकार इस मामले में गंभीर है और सरकार विधायक आक्या द्वारा उठाए गए प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए इस पर आवश्यक विचार विमर्श करेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल