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दिल्ली विधानसभा - मंत्री विधायकों ने ली सदस्यता की शपथ, विजेन्द्र गुप्ता बने अध्यक्ष

 


नई दिल्ली, 24 फ़रवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने का बाद आज से नवनिर्वाचित दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र शुरु हुआ। आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन आज मुख्यमंत्री, मंत्रियों एवं नवनिर्वाचित विधायकों ने सदस्यता की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद सर्वसम्मति से वरिष्ठ भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।

विधानसभा सत्र के शुरु होने से उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर वरिष्ठ भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली को शपथ दिलाई। इसके बाद विधानसभा में अरविंदर सिंह लवली ने एक-एक कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों को सदस्यता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सबसे पहले शपथ ली। इसके बाद उनके छह कैबिनेट मंत्रियों प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह ने शपथ ली। इसके शेष सभी विधायकों ने क्रमानुसार शपथ ली।

शपथ ग्रहण के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विजेन्द्र गुप्ता को सदन का अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। विजेन्द्र गुप्ता के अलावा किसी अन्य का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव नहीं आया। इसके बाद प्रस्ताव पर सदन की सहमति ली गई और उन्हें अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया।

अध्यक्ष चुने जाने के बाद परंपरागत तौर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता यानी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने निर्वाचित अध्यक्ष को विधानसभा अध्यक्ष के आसन तक पहुंचाया।

इसके बाद कुछ विधानसभा सदस्यों ने विजेन्द्र गुप्ता को अध्यक्ष बनाए जाने के बधाई प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। इसके बाद नेता विपक्ष की आतिशी ने भी उनके तीन कार्यकाल के दौरान उनके व्यवहार की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी।

इसी बीच बधाई प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर और सरदार भगत सिंह के चित्र हटाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने इसे दलित और सिख विरोधी बताया। विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने उन्हें रोककर निंदा करते हुए कहा कि बधाई प्रस्ताव के दौरान इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसी बीच हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

दोबारा शुरु होने पर भी विपक्ष के नेताओं का विरोध जारी रहा है। इसी बीच कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को विधानसभा में सुबह उपराज्यपाल का अभिभाषण होगा और बाद में सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पेश की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा