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दिल्ली की भागदौड़ से मनाली की शांति की ओर: मनीषा की प्रेरणादायक यात्रा

24 वर्षीय मनीषा ने दिल्ली की तेज रफ्तार और प्रदूषित जिंदगी को छोड़कर मनाली में एक नया जीवन शुरू किया है। रिमोट जॉब के जरिए उन्होंने पहाड़ों में बसने का सपना पूरा किया और अब वह केवल 25,000 रुपये में एक संतुलित जीवन जी रही हैं। उनकी कहानी न केवल स्वास्थ्य में सुधार की है, बल्कि बचत में भी वृद्धि की है। जानें कैसे मनीषा ने अपनी प्राथमिकताओं को बदलकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाया।
 

नई दिल्ली से मनाली तक का सफर


नई दिल्ली: 24 वर्षीय मनीषा ने लगभग एक साल पहले मनाली की ओर रुख किया, जब वह दिल्ली की प्रदूषित और तेज रफ्तार जिंदगी से थक गई थीं। एक रिमोट जॉब मिलने के बाद, उन्होंने पहाड़ों में बसने का सपना पूरा किया और अब वह केवल 25,000 रुपये प्रति माह खर्च करके एक शांत और संतुलित जीवन जी रही हैं।


मनाली ने न केवल उनकी सेहत में सुधार किया है, बल्कि उनकी बचत में भी वृद्धि की है। यह कहानी एक युवा महिला की है जिसने अपनी प्राथमिकताओं को बदलकर अपने जीवन को बेहतर बनाया।


दिल्ली की थकान से पहाड़ों की राहत

करीब ढाई साल तक दिल्ली में काम करने के बाद, मनीषा ने महसूस किया कि शहरी प्रदूषण और भागदौड़ उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। वह बताती हैं कि दिल्ली की हवा उनके साइनस के लिए बेहद हानिकारक थी। धीरे-धीरे, उन्होंने रिमोट जॉब की तलाश शुरू की और 2024 में एक वेलनेस कंपनी में ब्रांड स्पेशलिस्ट के रूप में काम मिलने पर मनाली शिफ्ट होने का निर्णय लिया।


एक छोटी सी 1RK में नया जीवन

मनाली पहुंचने पर सबसे बड़ी चुनौती घर ढूंढना थी। मनीषा ने बिचौलियों पर भरोसा न करके खुद ही सड़कों पर घूमकर घर की तलाश की। उन्होंने स्थानीय लोगों, ऑटो ड्राइवरों और दुकानदारों से बातचीत की और एक खूबसूरत 1RK घर केवल एक वीकेंड में ढूंढ निकाला। यह घर उनके इंस्टाग्राम पर भी चर्चा का विषय बना रहता है, जहां वह कंटेंट क्रिएशन भी करती हैं।



सिर्फ 25,000 रुपये में पूरा महीना

मनीषा का मासिक किराया 15,000 रुपये है, जबकि अन्य खर्च, जैसे बिजली, वाई-फाई, और किराना मिलाकर 10,000 रुपये आते हैं। कभी-कभी यह खर्च 30,000 रुपये तक पहुंच जाता है, लेकिन सामान्यतः वह 25,000 रुपये में आराम से रह लेती हैं। दिल्ली और मनाली में किराया लगभग समान होने के बावजूद, अन्य खर्चों में कमी आई है। न आने-जाने का खर्च है और न ही बाहर खाने की मजबूरी।


बचत दोगुनी, सैलरी भी 50% बढ़ी

दिलचस्प बात यह है कि रिमोट जॉब मिलने पर मनीषा की सैलरी में 50% की वृद्धि हुई। लोग अक्सर मानते हैं कि रिमोट वर्क का मतलब कम सैलरी है, लेकिन मनीषा के मामले में यह उल्टा हुआ। वह हर महीने अपनी आय का लगभग आधा हिस्सा बचा लेती हैं और इसे म्यूचुअल फंड, इमरजेंसी फंड और PPF में निवेश करती हैं। पहाड़ों में रहने से उनका खर्च सीमित हो गया है और बचत में वृद्धि हुई है।


स्वास्थ्य में सुधार और जीवन की नई लय

मनाली की स्वच्छ हवा ने उनकी साइनस समस्याओं को लगभग समाप्त कर दिया है। वह बताती हैं कि अब उन्हें नाक बहने या एलर्जी की समस्या नहीं होती। इसके अलावा, वह रोजाना अधिक पैदल चलती हैं, जिससे उनकी फिटनेस में सुधार हुआ है। मनाली की शांत जीवनशैली ने उन्हें मानसिक शांति भी दी है, जो दिल्ली में कभी अनुभव नहीं हुई।


कुछ समझौते भी जरूरी

हालांकि, जीवन आसान नहीं है। मनीषा कहती हैं कि पहाड़ों में घरेलू मदद मिलना मुश्किल है और उन्हें हर काम खुद करना पड़ता है। क्विक-कॉमर्स सुविधाएं हैं, लेकिन वे शहरों की तुलना में उतनी तेज नहीं हैं। मौसम भी कभी-कभी चुनौती बन जाता है। फिर भी, वह कहती हैं, 'अगर आप सुविधा से ज्यादा सुकून चाहते हैं, तो पहाड़ आपके लिए हैं।'