दिल्ली दंगों में शरजील इमाम के भाषणों का मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम के वीडियो का प्रस्तुतिकरण
सोमवार को दिल्ली दंगों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के उन वीडियो को पेश किया, जिनमें वे CAA और NRC के खिलाफ भड़काऊ बातें करते नजर आ रहे हैं.
पुलिस का आरोप: भाषणों ने भड़काई हिंसा
पुलिस का कहना है कि इमाम के भाषणों ने माहौल को उत्तेजित किया और विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, पुलिस ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया.
भड़काऊ भाषणों का विवरण
सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने बताया कि शरजील इमाम ने CAA विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगातार भड़काऊ भाषण दिए. पुलिस के अनुसार, ये भाषण केवल भीड़ को उकसाने के लिए नहीं थे, बल्कि इनसे पूरे प्रदर्शन का रुख हिंसा की ओर मोड़ा गया.
हिंसा भड़काने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि इमाम ने अपने भाषणों के माध्यम से प्रदर्शनकारियों को उकसाते हुए जानबूझकर तनावपूर्ण माहौल बनाया. पुलिस का कहना है कि इन भाषणों ने न केवल भीड़ को भड़काया, बल्कि विरोध की रणनीति को भी हिंसक दिशा में मोड़ दिया.
एंटी-नेशनल गतिविधियों का बढ़ता ट्रेंड
पुलिस ने अदालत में कहा कि देश में एंटी-नेशनल गतिविधियों की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिसमें पेशेवर लोग भी शामिल हैं. पुलिस का दावा है कि दिल्ली में हुई हिंसा को पूरे भारत में फैलाने की कोशिश की गई.
संगठित साजिश का हिस्सा
दिल्ली पुलिस ने हलफनामे में कहा कि 2020 के दंगे एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थे, जिसमें 53 लोगों की जान गई और करोड़ों की संपत्ति नष्ट हुई. पुलिस के अनुसार, डिजिटल सबूत बताते हैं कि हिंसा का इरादा केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था.
2020 दिल्ली दंगों का समयरेखा
फरवरी 2020 में CAA विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की, जिसमें 54 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हुए. शरजील इमाम की गिरफ्तारी अगस्त 2020 में हुई, और 2022 में निचली अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं.