दिल्ली में कार के अंदर युवक की मौत: जांच में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
दिल्ली में युवक की मौत का मामला
नई दिल्ली: दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन के बाहर एक कार में एक युवक का शव मिलने की घटना की विस्तृत जानकारी सामने आई है। यह कार रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) गुरु प्रताप की है। मृतक की पहचान 28 वर्षीय जावेद के रूप में हुई है, जो बिहार के पूर्णिया का निवासी था। पुलिस की जांच में पता चला है कि जावेद गलती से कार के अंदर बंद हो गया था और दम घुटने से उसकी मृत्यु हो गई। CCTV फुटेज में उसे कार के अंदर से दरवाजा खोलने की कोशिश करते हुए देखा गया, लेकिन वह बाहर नहीं निकल सका।
यह घटना 31 अक्टूबर की शाम को हुई। पुलिस को लगभग 7:30 बजे सूचना मिली कि आनंद विहार स्टेशन के पास एक कार में युवक बेहोश पड़ा है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पाया कि युवक की मृत्यु हो चुकी थी। कार की जांच में उसके पास से बैग, मोबाइल फोन और कुछ कपड़े मिले। प्रारंभिक जांच में शरीर पर किसी चोट का निशान नहीं था, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि उसकी मौत दम घुटने से हुई।
घटना की सच्चाई का खुलासा
घटना की सच्चाई कैसे हुई उजागर?
CCTV फुटेज ने इस घटना की सच्चाई को उजागर किया। वीडियो में दिखाया गया कि सुबह 10:49 बजे इंजीनियर गुरु प्रताप ने अपनी कार पार्क की और ऑफिस चले गए। उन्होंने कार को लॉक नहीं किया था। लगभग 11:22 बजे जावेद, जो बिहार लौटने के लिए स्टेशन आया था, कार में जाकर पीछे की सीट पर बैठ गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह धूप या भीड़ से बचने के लिए अंदर गया था।
कैसे फंसा कार के अंदर?
कैस फंसा कार के अन्दर?
करीब 1:50 बजे, इंजीनियर के एक स्टाफ सदस्य ने कार से लंचबॉक्स निकालने के बाद दरवाजा बंद कर दिया, बिना यह जाने कि अंदर कोई व्यक्ति मौजूद है। इसके बाद, दोपहर 1:54 बजे से 3:13 बजे के बीच CCTV में जावेद को दरवाजा खोलने की कोशिश करते हुए देखा गया। लेकिन कार लॉक हो चुकी थी और वह अंदर फंस गया।
कैसे हुई मौत?
कैसे हुई मौत?
शाम 5:34 बजे जब इंजीनियर ऑफिस से लौटे, तो उन्होंने जावेद को बेहोश अवस्था में देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि मौत दम घुटने से हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि मामले में कोई आपराधिक एंगल नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है। पुलिस ने मृतक के परिवार को सूचना दे दी है। परिवार के दिल्ली पहुंचने के बाद शव सौंपा जाएगा। यह घटना इस बात की गंभीर चेतावनी है कि सार्वजनिक स्थानों पर खड़ी गाड़ियों में लापरवाही से बैठना कितना खतरनाक हो सकता है।