दिल्ली में रहस्यमय धमाके ने बढ़ाई सुरक्षा चिंताएं
दिल्ली में धमाके की गूंज
दिल्ली में हाल ही में हुए एक रहस्यमय विस्फोट ने लोगों को चौंका दिया है। प्रारंभ में इसे एक साधारण धमाका समझा जा रहा था, लेकिन अब जांच एजेंसियों को इसमें आतंकवादी साजिश की संभावना नजर आ रही है। धमाके की जगह और तकनीक को देखकर यह संदेह गहरा हो रहा है कि क्या यह एक VBIED (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device) हमला था, जो जैश-ए-मोहम्मद के पुराने तरीकों से मेल खाता है।
VBIED: एक खतरनाक तकनीक
VBIED का मतलब है Vehicle-Borne Improvised Explosive Device। इसमें आतंकवादी एक वाहन में विस्फोटक भरकर उसे लक्षित क्षेत्र तक ले जाते हैं और रिमोट या टाइमर से विस्फोट करते हैं। ऐसे हमलों में हमलावर की पहचान करना कठिन होता है क्योंकि वाहन आम जनता के बीच आसानी से मिल जाता है। VBIED हमलों का उद्देश्य अधिकतम नुकसान पहुंचाना और जांच एजेंसियों को सबूतों से दूर रखना होता है।
जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों में वृद्धि
जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल की गतिविधियों में तेजी आई है। हाल ही में फरीदाबाद से 350 किलो विस्फोटक बरामद होना इस बात का संकेत है कि कोई बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा था। इस मामले में तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस साजिश की गंभीरता को दर्शाता है।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती
VBIED हमलों की सबसे बड़ी चुनौती पहचान होती है। क्योंकि वाहन सामान्य दिखता है और आतंकवादी रूटीन ड्राइवर की तरह व्यवहार करता है। यदि सुरक्षा एजेंसियों को पहले से कोई सूचना नहीं मिलती है, तो ऐसे हमलों को रोकना लगभग असंभव हो जाता है। यही कारण है कि पुलवामा जैसे हमलों के बाद भी VBIED को भारत के लिए एक गंभीर खतरा माना गया है।
दिल्ली धमाके की जांच
पुलिस और एनआईए की टीमें यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमाके में किस प्रकार के विस्फोटक का उपयोग किया गया। इसके साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या वाहन चोरी का था या किसी के नाम पर रजिस्टर्ड था। मौके से मिले विस्फोटक के अवशेष इस बात का संकेत देते हैं कि धमाका योजनाबद्ध था।
नई तकनीकों की आवश्यकता
दिल्ली जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में हर वाहन की जांच करना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए एजेंसियों को अब ऐसी तकनीक अपनानी होगी जो वाहनों के अंदर छिपे विस्फोटकों की पहचान कर सके। ड्रोन और AI-आधारित निगरानी प्रणाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं।