हिमाचल के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ का संदिग्ध लेनदेन
शिमला, 2 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के कई निजी अस्पतालों में भारत सरकार की आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने निजी असपतालों में 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन देन का खुलासा किया है।
दरअसल ईडी ने दो दिन पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बड़े निजी अस्पतालों पर छापेमारी की है।
ईडी द्वारा की गई छापेमारी में हिमाचल के श्रीबांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल हिमाचल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, सिटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, श्री हरिहर अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, नीलकंठ अस्पताल शामिल हैं।
ईडी की ओर से राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवी और एसीबी), ऊना (एचपी) द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत किरण सोनी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर ये कार्रवाई अमल में लाई गई।
ईडी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि श्री बांके बिहारी अस्पताल, ऊना, (हिमाचल प्रदेश) और अन्य के खिलाफ फर्जी एबी पीएम जेएवाई के आईडी कार्ड बनाने का मामला दर्ज किया गया है। ईडी की जांच में पता चला है कि बांके बिहारी अस्पताल के अलावा श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, फोर्टिस अस्पताल और श्री हरिहर अस्पताल आदि ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ उठाया।
ईडी ने जांच के दौरान 373 फर्जी आयुष्मान कार्डों की पहचान की गई है, जिनमें उक्त आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों को दिए गए उपचार के नाम पर सरकार से प्रतिपूर्ति के लिए लगभग 40.68 लाख रुपये (लगभग) का दावा किया गया था। ऐसे फर्जी लाभार्थियों की सूची में रजनीश कुमार और पूजा धीमान के नाम शामिल हैं, जिन्होंने सत्यापन करने पर ऐसे किसी भी एबी पीएम जेएवाई कार्ड के होने या उसकी कोई जानकारी होने से भी इनकार कर दिया।
इसके अलावा, उन्होंने इनमें से किसी भी अस्पताल में ऐसा कोई इलाज नहीं कराया। इसके अलावा, अस्पतालों ने ऐसे उपचार,सर्जरी, भर्ती के लिए दावे किए हैं जो वास्तव में रोगी को कभी दिए ही नहीं गए हैं।
ईडी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब तक आयुष्मान योजना के कथित उल्लंघन के लिए 8937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। अब तक की गई जांच के अनुसार, इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपये की अपराध आय (पीओसी) शामिल है।
ईडी की तलाशी में 88 लाख रुपये (लगभग) नकद, 04 बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते मिले। इसके अलावा, अचल और चल संपत्तियों, खातों की पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के अलावा, मोबाइल फोन, आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव के रूप में 16 डिजिटल डिवाइस पाए गए, जिनमें एबी पीएम जेएवाई हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों के बारे में जानकारी थी और उन्हें जब्त कर लिया गया।
ईडी के मुताबिक जब्त किए गए दस्तावेजों में अस्पतालों के दावों के बारे में जानकारी है और इसमें 23,000 मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं। तलाशी में कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें सरकार को किए गए दावों और अस्पताल में मौजूद फाइलों में मौजूद वास्तविक आंकड़ों में भारी अंतर था। यह भी पाया गया कि मरीजों के नाम पर दावों से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई हैं। आगे की जांच जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / प्रभात मिश्रा