×

एनबीएमसीएच में छात्रों की आरोपों की जांच करेगी पांच सदस्यीय कमेटी, तीन दिन में देगी रिपोर्ट

 


सिलीगुड़ी, 05 सितंबर (हि.स.)। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) में भ्रष्टाचार के आरोपों से हड़कंप मच गया है। छात्र आंदोलन के चलते यूनिवर्सिटी के डीन संदीप सेनगुप्ता और असिस्टेंट डीन सुदीप्त शील को इस्तीफा देना पड़ा है। जबकि यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल इंद्रजीत साहा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। जिसके बाद पांच सदस्य एक कमेटी बनाया गया है। यह कमेटी तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का आरोप है कि डीन तृणमूल छात्र परिषद के कहने पर परीक्षा अंकों में हेरफेर करते थे। इसके पीछे तृणमूल छात्र परिषद नेता शाहीन सरकार और अभिक दे का नाम सामने आया है। अभिक दे वर्तमान में एसएसकेएम अस्पताल के पीजीटी हैं। उन पर कथित तौर पर बर्दवान मेडिकल कॉलेज में सिंडिकेट चलाने का आरोप है। आर.जी. कर हत्या और बलात्कार के बाद अभिक दे को अपराध स्थल पर भी देखा गया था। बाद में तृणमूल छात्र परिषद ने एक बयान जारी कर उन्हें निष्कासित कर दिया।

अभिक दे को उत्तर बंगाल लॉबी के प्रमुख के रूप में जाना जाता है। आरोप है कि कई प्रोफेसर उनकी उंगली पर नचाते है।

बुधवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन में एक के बाद एक शिकायत सामने आने से मेडिकल कॉलेज के अधिकारी असहज हो गए। अंतत: दबाव में आकर संदीप सेनगुप्ता को डीन पद से इस्तीफा देना पड़ा। असिस्टेंट डीन ने भी पद छोड़ दिया। इसके बाद प्राचार्य इंद्रजीत साहा ने सुपर संजय कुमार मल्लिक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई।

कमेटी में सुपर के अलावा पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख विद्युत कृष्ण गोस्वामी, फार्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख अनुपम नाथ गुप्ता, ईएनटी के एसोसिएट प्रोफेसर राधेश्याम महतो और स्त्री रोग विभाग के प्रमुख गौतम मुखर्जी शामिल हैं। कमेटी को छात्रों द्वारा की गई शिकायतों की जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार