सरकार निष्पक्ष तरीके से लागू करे ट्रिपल टेस्ट : आजसू
रांची, 22 फ़रवरी (हि.स.)।
आजसू पार्टी के पूर्व विधायक लंबोदर महतो ने कहा है कि राज्य सरकार की मनमाने पूर्ण नीतियों के कारण पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाना चाहिए, ताकि समाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों की रक्षा हो सके।
लंबोदर महतो शनिवार को हरमू रोड स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्त्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्यह सरकार ने नगर निकाय चुनावों के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने का निर्देश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया है, लेकिन आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त है। इस स्थिति में किया जा रहा सर्वेक्षण केवल औपचारिकता बनकर रह गया है और फोन पर किए जा रहे इस अव्यवस्थित सर्वेक्षण की पारदर्शिता संदेह के घेरे में है।
उन्होंने झारखंड में पूर्ववर्ती पंचायत निकाय चुनावों में मुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य आदि पदों पर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण था, लेकिन हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में राज्य सरकार ने मनमाने ढंग से यह आरक्षण समाप्त कर दिया, जिससे 10,500 से अधिक पदों पर पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ। यह निर्णय न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है, बल्कि पिछड़े वर्गों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को समाप्त करने का एक प्रयास भी है।
इस अन्याय के खिलाफ आजसू पार्टी के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सर्वोच्च न्यायालय में रिट पीटिशन दायर की।
इस याचिका की सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को अपने शपथ पत्र के माध्यम से आश्वस्त किया कि भविष्य में कोई भी नगर निकाय अथवा पंचायत चुनाव ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं कराया जाएगा।
मौके पर मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak