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तकनीकी क्षेत्र में नए अवसर प्रदान कर रहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:नरसी राम बिश्नोई

 


दो दिवसीय ‘मेटलेब’ कार्यशाला ऑन आर्टिफिशियल

इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का शुभारंभ

हिसार, 24 फरवरी (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड

के सहयोग से दो दिवसीय ‘मेटलेब’ कार्यशाला ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का शुभारंभ

हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सोमवार को कहा कि आर्टिफिशियल

इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीकों का तेजी से बढ़ता उपयोग तकनीकी क्षेत्र में नए अवसर

प्रदान कर रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों व शोधार्थियों को नवीनतम

तकनीकों से अवगत कराना और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान से सशक्त बनाना है। उन्होंने विश्वास

व्यक्त किया कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों को अपने ज्ञान और कौशल को और अधिक विकसित

करने में मदद करेगी।

कुलसचिव डा. विजय कुमार ने भी कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए विभाग को बधाई

दी तथा कहा कि यह प्रतियोगिता प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। विश्वविद्यालय

के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में शुरु हुई इस कार्यशाला में डीन एकेडमिक

अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा मुख्यातिथि जबकि डीन एफईटी प्रो. संदीप आर्य विशिष्ट अतिथि

के रूप में उपस्थित रहे। डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के मनोज मुख्य वक्ता

के रूप में उपस्थित रहे। प्रो. योगेश चाबा ने मुख्य रूप से गूगल सर्च इंजन व मेटलेब टूल्स के बारे में

बताया। उन्होंने बताया कि मेटलेब आने वाले समय से मुख्य उपकरण के रूप में उपयोग हो

रहा है। इससे विद्यार्थियों व शोधार्थियों को शोध के समय में काफी बचत होगी। इससे डाटा

का विश्लेषण आसान हो जाएगा।

मुख्य वक्ता मनोज ने बताया कि यह कार्यशाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन

लर्निंग के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी, जिसमें

मेटलेब टूल्स के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा। एआई और एमएल वर्तमान समय

में तकनीकी क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं, और इस कार्यशाला के माध्यम

से प्रतिभागी इन क्षेत्रों में अपने कौशल को निखार सकेंगे। प्रो. संदीप आर्य ने भी

प्रतिभागियों को संबोधित किया। विभागाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश सांगवान ने बताया कि इस कार्यशाला में विशेष रूप

से एमटेक के विद्यार्थी, पीएचडी शोधार्थी और संकाय सदस्यों सहित 75 प्रतिभागी भाग ले

रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का यह अनुभव प्रतिभागियों के तकनीकी ज्ञान को

और अधिक समृद्ध बनाएगा। कार्यशाला के संचालन में समन्वयक डॉ. अंजू व सह-समन्वयक डॉ.

अनुपमा का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर प्रो. संजीव कुमार, डा. दीपक नांदल, डा. आयूष

शर्मा, डा. अमित मलिक, डा. बिंदू, डा. रमेश, डा. मनोज, डा. सीमा व अन्य शिक्षक एवं

प्रतिभागी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर