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ऊना में आलू की बंपर फसल से किसानों की चांदी

 


ऊना, 30 नवंबर (हि.स.)। ऊना जिले में इस वर्ष आलू की बंपर फसल ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। बेहतर उत्पादन और 2200 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल के बढ़िया दामों ने किसानों की मेहनत का उचित प्रतिफल दिया है। इस वर्ष जिले में लगभग 28,000 मीट्रिक टन आलू उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।

जिले में खरीफ सीजन की इस आलू फसल के लिए मुख्यतः पुखराज किस्म का बीज लगाया गया, जो अधिकतम पैदावार के लिए जाना जाता है। रबी सीजन में भी जनपद के लगभग 1200 हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल बोई जाती है, जिसकी औसत पैदावार 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है।

कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान ने बताया कि इस वर्ष जिले में 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की बुवाई की गई थी और वर्तमान में फसल निकालने का कार्य तेजी से चल रहा है। ऊना जिले का आलू अपनी गुणवत्ता के कारण न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों की मंडियों में भी प्रसिद्ध है।

लोअर बढे़ड़ा के किसान संजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने 120 कनाल भूमि पर आलू की खेती की है और उन्हें इस वर्ष बढ़िया दाम मिले हैं। व्यापारी उनकी फसल खेत से ही खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ रही। कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर फसल देखभाल और कीट प्रबंधन के सुझाव भी किसानों के लिए मददगार साबित हुए हैं।

जालंधर के व्यापारी विजय कुमार ने कहा कि ऊना जिले का आलू दिल्ली, जयपुर, मथुरा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बेचा जाता है। जिले में आलू का उत्पादन हर साल बढ़ रहा है और इसकी मांग भी लगातार बनी हुई है।

हिमाचल प्रदेश सरकार भी आलू आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कृषि अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आलू उत्पादन और विपणन के लिए एक ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सेब आधारित अर्थव्यवस्था में हिमाचल को सफलता मिली है, उसी प्रकार ऊना के आलू उत्पादन में भी अपार संभावनाएं हैं। सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक सशक्त व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला