असम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की नींव रख रहा है : मुख्यमंत्री
- विकसित भारत के लिए असम में सेमीकंडक्टर क्षितिज को आगे बढ़ाना विषय पर सत्र आयोजित
- केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने राज्य के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए घोषणाएं कीं
गुवाहाटी, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में आज गुवाहाटी में 'एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन' के एक भाग के रूप में आयोजित विकसित भारत के लिए असम में सेमीकंडक्टर क्षितिज को आगे बढ़ाना विषयगत सत्र में भाग लिया।
इस सत्र का उद्देश्य असम के सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करना था जिसमें नवाचार, अवसंरचना विकास और निवेश के अवसरों पर जोर दिया गया। इस सत्र में असम में सेमीकंडक्टर उद्योग के भविष्य और भारत की व्यापक सेमीकंडक्टर रणनीति में इसकी भूमिका पर चर्चा करने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि राज्य अत्याधुनिक तकनीक की नींव रख रहा है जो उद्योगों को आकार देगी, जीवन को बदलेगी और असम को वैश्विक सेमीकंडक्टर मानचित्र पर स्थान दिलाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा विकसित जगीरोड में अत्याधुनिक ओएसएटी इकाई 2025 में उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है, जिसमें स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करके प्रतिदिन 48 मिलियन से अधिक चिप्स का उत्पादन करने की प्रभावशाली क्षमता है, जो एक गेम-चेंजर बनने के लिए तैयार है। इस परियोजना से 27 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने, स्थानीय प्रतिभाओं के लिए दरवाजे खुलने, कौशल विकास को बढ़ावा देने और असम के युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद है।
उन्होंने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को असम में विशाल अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद् दिया, जहां सेमीकंडक्टर विनिर्माण असम के लिए उल्लेखनीय अवसर खोल सकता है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने अपने भाषण में सेमीकंडक्टर अनुसंधान, निवेश प्रोत्साहन और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने असम के बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इन घोषणाओं में भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में असम की भूमिका को मजबूत करने के लिए एक और सेमीकंडक्टर प्लांट, जगीरोड में एनईआईएलआईटी विश्वविद्यालय परिसर और कामरूप जिले में एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दो नई अमृत भारत ट्रेनों, रसद और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए छह गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों, असम भर में 60 से अधिक रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशनों में अपग्रेड करने, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक आईटी हब में बदलने, बोडोलैंड में एक नया रेलवे कोच और मरम्मत विनिर्माण केंद्र, लुमडिंग में एक नया रेलवे लोकोमोटिव इंजन कारखाना, सीमा पार संपर्क बढ़ाने के लिए कोकराझाड़-गेलेफू रेलवे लाइन और संपर्क में सुधार के लिए चिकन नेक कॉरिडोर पर चार नए रेलवे ट्रैक की भी घोषणा की।
सत्र के दौरान, असम सरकार ने सिंगापुर, मलेशिया और जापान में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र से 10 उद्योग समूहों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी मजबूत हुई और राज्य के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग में निवेश को बढ़ावा मिला।
सत्र में शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ रणधीर ठाकुर, नेशनल क्वांटम मिशन के अध्यक्ष अजय चौधरी, वीएलएसआई सोसाइटी ऑफ इंडिया के सत्या गुप्ता, रेनेसास की चित्रा हरिहरन, एनआईईएलआईटी के निदेशक डॉ. एमएम त्रिपाठी और आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर शंकर प्रसाद उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश