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तृणमूल विधायक कृष्ण कल्याणी ने राजनीति छोड़ने के दिए संकेत

 


कोलकाता, 02 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के रायगंज विधानसभा क्षेत्र से हाल ही में उपचुनाव में निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस विधायक कृष्ण कल्याणी ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए हैं। कल्याणी ने सरकारी कामकाज से असंतुष्ट होकर यह निर्णय लिया है।

मंगलवार‌ देर रात को किए गए एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया पोस्ट में कल्याणी ने स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति छोड़ने की इच्छा का कारण उत्तर दिनाजपुर के जिलाधिकारी के साथ विकास कार्यों को लेकर मतभेद हैं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि मुख्यमंत्री का जिलाधिकारी के साथ सीधे बातचीत करना और विधायक की अनदेखी करना उनके इस निर्णय के पीछे है।

कल्याणी ने अपने पोस्ट में लिखा कि मुख्यमंत्री से जिलाधिकारी की बातचीत। मुख्यमंत्री को कौन चुनता है? केवल विधायक। मैं कृष्ण कल्याणी, मैं जन प्रतिनिधि हूं और जिलाधिकारी जन सेवक हैं। अगर यह व्यवस्था नहीं बदली, तो मैं राजनीति से इस्तीफा दूंगा। मैं जन सेवा के लिए अपने अन्य स्रोतों के माध्यम से अधिक सहज महसूस करता हूं।

तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व और कल्याणी के बीच बढ़ते मतभेद पिछले महीने तब सामने आए जब उन्होंने राज्य विधानसभा की 'याचिका समिति' के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

कल्याणी, 2021 में रायगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक के रूप में चुने गए थे। हालांकि, उसी वर्ष उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया, लेकिन रायगंज से विधायक बने रहे। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें रायगंज लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार बनाया था, जिसके बाद उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा के कार्तिक चंद्र पॉल ने उन्हें 68 हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिया।

इसके बाद, तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें इस साल रायगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने 50 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की।

कल्याणी तृणमूल कांग्रेस के दूसरे नेता हैं जिन्होंने एक महीने के भीतर बगावत के संकेत दिए हैं। इससे पहले, पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी जवाहर सिरकार ने भी पार्टी के राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा देकर राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने यह कदम आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या और पश्चिम बंगाल प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में उठाया था।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर